Mobile Company Xiaomi सहित 9 कंपनियां ब्लैक लिस्ट, अमेरिका ने चीन को दिया झटका
अमेरिकी रक्षा विभाग ने जून 2020 में अमेरिकी कांग्रेस में उन चीनी कंपनियों की लिस्ट जारी की थी, जिनके चीनी मिलिट्री से संबंध हैं जबकि वो सामान्य कंपनियों की भांति अमेरिका में ऑपरेट कर रही है।
वाशिंगटन. पूरी दुनिया को कोरोना महामारी की सही समय पर जानकारी न देने वाले चीन की दादागिरी से दुनिया के कई देश परेशान है। चीन पर दुनियाभर के देशों द्वारा डाटा चोरी के भी आरोप लगाए जाते रहे हैं। इसबीच अमेरिका ने चीन को एक और बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को नौ और चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इन कंपनियों में दुनियाभर में अपने सस्ते मोबाइल के लिए प्रसिद्ध Xiaomi भी शामिल है। Xiaomi समेत ब्लैक लिस्ट की गई कंपनियों पर कथित तौर पर चीनी सेना के स्वामित्व या नियंत्रण की बात कई गई है।
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अमेरिकी रक्षा विभाग ने जून 2020 में अमेरिकी कांग्रेस में उन चीनी कंपनियों की लिस्ट जारी की थी, जिनके चीनी मिलिट्री से संबंध हैं जबकि वो सामान्य कंपनियों की भांति अमेरिका में ऑपरेट कर रही है। दिसंबर 2020 में इस लिस्ट में और भी कंपनियों को जोड़ा गया है। गुरुवार को जिन कंपनियों पर ब्लैक लिस्ट किया है, उन्हें मिलाकर अबतक 40 कंपनियां अमेरिका में ब्लैक लिस्ट की जा चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल नवंबर में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसने अमेरिकियों को ब्लैकलिस्टेड फर्मों में निवेश करने से रोक दिया था। 11 नवंबर 2021 तक इन कंपनियों के शेयरों के मालिकों को इनसे छुटकारा पाना चाहिए।
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अमेरिका द्वारा गुरुवार को जिन चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया गया, उनमें Xiami Corpration के अलावा एडवांस माइक्रो फैब्रिकेशन इक्विपमेंट इनकोर्पोरेशन, लुओकोंग प्रौद्योगिकी निगम, बीजिंग Zhongguancun डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट सेंटर, GOWIN सेमीकंडक्टर कॉर्प, ग्रैंड चाइना एयर कंपनी (GCAC), ग्लोबल टोन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (GTCOM), चीन नेशनल एविएशन होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (CNAH) और वाणिज्यिक विमान निगम चीन (COMAC) शामिल हैं।
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रक्षा विभाग द्वारा जारी स्टेटमेंट में कहा गया, "रक्षा विभाग पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) सैन्य-नागरिक संलयन विकास रणनीति को उजागर करने और उसका मुकाबला करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जो कि उन पीआरसी कंपनियों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान कार्यक्रमों द्वारा अर्जित और विकसित उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञता तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करके पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण लक्ष्यों का समर्थन करता है, जो नागरिक संस्थाओं के रूप में दिखाई देते हैं।" (ANI)
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