A
Hindi News विदेश अमेरिका MIT के प्रोफेसर पर चीन के लिए गुप्त तरीके से काम करने के आरोप लगाए गए

MIT के प्रोफेसर पर चीन के लिए गुप्त तरीके से काम करने के आरोप लगाए गए

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर पर गुरुवार को चीन की सरकार के लिए किए गए काम को गुप्त रखने के आरोप लगाए गए।

China MIT, China MIT United States, China MIT Professor, China MIT Arrested, China Spy US- India TV Hindi Image Source : MIT.EDU मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर पर गुरुवार को चीन की सरकार के लिए किए गए काम को गुप्त रखने के आरोप लगाए गए।

बोस्टन: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर पर गुरुवार को चीन की सरकार के लिए किए गए काम को गुप्त रखने के आरोप लगाए गए। अमेरिका के इस प्रतिष्ठित संस्थान में काम कर रहे प्रोफेसर पर आरोप है कि वह इस दौरान अपने नैनो टेक्नोलॉजी शोध के लिए अमेरिका से भी पैसे लेते रहे। बीते कुछ सालों में उन्होंने अमेरिका से लाखों डॉलर हासिल किए। अधिकारियों ने बताया कि गैंग चेन (56) नाम के इस प्रोफेसर को संघीय एजेंटों ने कैम्ब्रिज स्थित उनके घर से धोखाधड़ी सहित कई आरोपों में गिरफ्तार किया है।

‘चीनी सरकार के लिए भी काम किया’
मामले के बारे मे जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि एमआईटी के लिए काम करने के दौरान प्रोफेसर गैंग चेन ने चीनी संस्थाओं के साथ अज्ञात अनुबंध किए और कई बैठकें कीं, जिसमें न्यूयॉर्क स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास कार्यालय के अनुरोध पर चीनी सरकार के लिए ‘विदेशी विशेषज्ञ’ के रूप में कार्य करना भी शामिल है। अधिकारियों ने अदालत को सौंपे दस्तावेजों में कहा कि उन्होंने चीन के लिए कई भूमिकाओं में कार्य किया है, जिसका मकसद चीन के वैज्ञानिक और तकनीकी लक्ष्यों को आगे बढ़ाना था। अधिकारियों ने कहा कि चेन ने चीन से अपने संबंध का खुलासा नहीं किया है, जैसा कि संघीय अनुदान आवेदनों के लिए हर तरह की जानकारियां देना आवश्यक होता है।

‘अमेरिका से लिए 19 मिलियन डॉलर’
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर गैंग चेन और उनके रिसर्च ग्रुप ने लगभग 29 मिलियन डॉलर एकत्र किए, जिसमें चीनी सरकार द्वारा वित्त पोषित एक विश्वविद्यालय से लिए गए कई मिलियन डॉलर शामिल हैं। इसके अलावा चेन 2013 से एमआईटी में अपने काम के लिए अमेरिकी संघीय एजेंसियों से अनुदान के रूप में 19 मिलियन डालर हासिल कर चुके हैं। मैसाचुसेट्स के अटॉर्नी एंड्रयू लिलिंग ने कहा, ‘विदेशी शोधकर्ताओं के साथ काम करना अवैध नहीं है, बल्कि इसके बारे में झूठ बोलना अवैध है।’

Latest World News