वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत के उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण पर ध्यान देते हुए कहा कि वह अंतरिक्ष एवं तकनीकी सहयोग में नयी दिल्ली के साथ अपने साझा हितों के लिए काम करता रहेगा, हालांकि उसने अंतरिक्ष में मलबे के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम वह संबोधन सुना जिसमें भारत के उपग्रह भेदी सफल परीक्षण की घोषणा की गई थी।’’
प्रवक्ता ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘भारत के साथ हमारी मजबूत सामरिक साझेदारी के तौर पर हम अंतरिक्ष एवं विज्ञान में साझा हितों के लिए काम करते रहेंगे और अंतरिक्ष में सुरक्षा को लेकर गठजोड़ समेत तकनीकी सहयोग जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी सरकार के लिए अंतरिक्ष में मलबा एक बड़ी समस्या है। हमने भारत सरकार के उस बयान पर ध्यान दिया कि परीक्षण इस तरह किया गया था जिससे अंतरिक्ष में मलबा नहीं हो।’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को ऐलान किया था कि भारत ने अंतरिक्ष में उपग्रह भेदी मिसाइल से एक ‘लाइव’ सैटेलाइट को मार गिराकर अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा लिया है और भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह परीक्षण निचले वायुमंडल में किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतरिक्ष में मलबा इकट्ठा नहीं हो। जो भी मलबा पैदा होगा वह कुछ ही हफ्तों में क्षरित होकर धरती पर गिर पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय ने 10 बिंदुओं के जरिए स्पष्ट किया कि भारत ने अंतरिक्ष में अपने साजो-सामान की सुरक्षा करने की काबिलियत परखने की खातिर यह परीक्षण किया और यह किसी देश को निशाना बनाकर नहीं किया गया।
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