वॉशिंगटन: अमेरिका में मुहाजिर समुदाय के नेता नदीम नुसरत ने पाकिस्तानी चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। नुसरत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में हुए आम चुनावों में इमरान खान एवं उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के पक्ष में देश की ताकतवर सेना का दखल था। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय निगरानी में पाकिस्तान में फिर से निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है। गौरतलब है कि कई अन्य विपक्षी दल भी इन चुनावों में धांधली की बात कह रहे हैं।
‘वॉयस ऑफ कराची’ के अध्यक्ष नदीम नुसरत ने आरोप लगाया कि सेना ने पाकिस्तान की न्यायपालिका और भ्रष्टाचार-रोधी संस्था एनएबी का इस्तेमाल खान के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ किया। यहां तक कि उनके राजनीतिक विरोधी नवाज शरीफ एवं उनकी बेटी को चुनाव से महज कुछ दिन पहले जेल तक भिजवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों ने चुनाव अभियान की शुरुआत से पूरी चुनावी प्रक्रिया को बेहद संदिग्ध बना दिया। खान एवं उनकी पार्टी पीटीआई के साथ चयनित के तौर पर बर्ताव किया गया और उन्हें विशेष सुविधाएं दी गयीं जबकि उनके राजनीतिक विरोधियों को बार-बार बाधाएं, धमकी एवं मानहानि का सामना करना पड़ा।’
उन्होंने कहा कि PTI को छोड़कर पाकिस्तान में हर राजनीतिक दल बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहा है और हर कोई नतीजों को खारिज कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘मीडिया रिपोर्ट में भी चुनावी धोखाधड़ी की ओर इशारा किया गया है और अब अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों एवं विदेशी मीडिया भी पाकिस्तान चुनाव में व्यापक धोखाधड़ी के दावे किए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में भी व्यापक अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है। लाखों नाराज वोटर बड़ी तादाद में कई इलाकों में इस धोखाधड़ी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया को इस जन आंदोलन को कवर करने की इजाजत नहीं है।’
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