वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया से निपटने के लिए सैन्य हमला उनके लिए पहला विकल्प नहीं है। हालांकि उन्होंने इस विकल्प को पूरी तरह खारिज नहीं किया है। ट्रंप की यह टिप्पणी उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से टेलीफोन पर हुई बातचीन के दौरान आयी है। ट्रंप अपने समकक्ष से उत्तर कोरिया द्वारा छठवां और अपना सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के हालात पर चर्चा कर रहे थे। ट्रंप की यह टिप्पणी पिछले महीने उत्तर कोरिया सरकार को दी गई चेतावनी की तुलना में कम कटु थी। (अमेरिका का आग्रह, उत्तर कोरिया पर लगे तेल प्रतिबंध, फ्रीज हो किम की संपत्तियां)
अमेरिका ने उत्तर कोरिया के मुख्य व्यापार भागीदार चीन से अनुरोध किया कि वह प्योंगयांग पर विवादित मिसाइल प्रोग्राम को रोकने के लिए दबाव बनाए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया को लेकर उनकी शी से मजबूत और खुलकर बातचीत हुई है। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति शी मुझसे 100 फीसदी सहमत हैं। वहां जो कुछ भी हो रहा है उसे वह खुद भी नहीं देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति शी जरूर कुछ करना चाहेंगे। हम देखेंगे कि वह इसे करते हैं या नहीं।
एक अन्य सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सैन्य विकल्प उनकी पहली पसंद नहीं है लेकिन उनके पास सभी विकल्प खुले हुए हैं। राष्ट्रपति से जब सैन्य कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हम देखने जा रहे हैं कि आगे क्या होता है। निश्चित तौर सैन्य विकल्प पहला विकल्प नहीं है लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है। चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक शी ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार, प्रायद्वीप में शांति और स्थायित्व तथा परणामु मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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