संयुक्त राष्ट्र: मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में जारी राजनीतिक संकट को लेकर उनके और विपक्ष के बीच मध्यस्थता कराने के संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। हक ने बुधवार को कहा, ‘उन्होंने राष्ट्रपति (यामीन) के समक्ष मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था, लेकिन राष्ट्रपति ने कहा कि वे इस स्थिति में मध्यस्थता नहीं चाहते।’ मालदीव द्वारा बुधवार को समाप्त होने वाले आपातकाल की स्थिति में और 30 दिनों का विस्तार करने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव मालदीव की स्थिति पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं और वह इसे लेकर चिंतित हैं।’
द्वीप देश में 1 फरवरी को उस समय संकट पैदा हो गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने एकमत से पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और साथ ही अन्य 8 नेताओं पर कई आरोपों को लेकर आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया था। प्रतिक्रियास्वरूप, यामीन ने 6 फरवरी को देश में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी और कई नेताओं के साथ ही चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और एक अन्य जज को गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट के बाकी बचे 3 जजों ने 9 राजनीतिज्ञों की रिहाई के अदालत के फैसले को पलट दिया।
यामीन ने बुधवार को विपक्ष के साथ बातचीत का अपना प्रस्ताव फिर दोहराया। यामीन के इससे पूर्व के वार्ता के प्रस्ताव को लेकर नाशीद की मालदीवियन डेमोकेट्रिक पार्टी ने गुटेरेस को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में मध्यस्थता करने का आग्रह किया था। कोलोंबो गजेट के मुताबिक, विपक्षी नेताओं ने यामीन के प्रस्ताव को लेकर संशय जाहिर किया था। उनका कहना था कि वे यह सोचकर चिंतित हैं कि यह अंतर्राष्ट्रीय दबाव कम करने के लिए एक चाल हो सकती है।
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