वॉशिंगटन: जैसे-जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की तारीखें नजदीक आती जा रही हैं, वैसे-वैसे देश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। इस दौरान विदेशी ताकतों पर भी चुनावों को प्रभावित करने को लेकर खूब आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। ताजा मामला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से इस पद के उम्मीदवार जो बाइडेन और यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति के बीच 2016 में फोन पर हुई बातचीत की लीक हुई रिकॉर्डिंग का है। दोनों के बीच बातचीत का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस ऑडियो रिकॉर्डिंग का खुलासा यूक्रेन के एक सांसद ने किया था।
‘रूसी एजेंट हैं रिकॉर्डिंग लीक करने वाले सांसद’
ऑडियो रिकॉर्डिंग का खुलासा करने वाले यूक्रेनी सांसद को अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को एक सक्रिय रूसी एजेंट बताया। अधिकारियों ने कहा कि इस सांसद ने बाइडेन के बारे में ऑनलाइन दुष्प्रचार फैलाने की कोशिश की है। वहीं, बाइडेन के चुनाव प्रचार अभियान ने इस कॉल रिकॉर्डिंग को बहुत ही ज्यादा एडिटेड बताया है। इस रिकॉर्डिंग के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो को लाखों लोगों ने देखा है। इस ऑडियो के सोशल मीडिया पर फैलने से यह प्रदर्शित होता है कि किस तरह से विदेशी अभियान का लक्ष्य अमेरिकी नागरिकों तक पहुंच कर चुनाव में हस्तक्षेप करना है।
रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ के पूरे सबूत
हालांकि, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया से जुड़ी वेबसाइट्स ने ऐसे हस्तक्षेप पर नकेल कसने की कोशिशें की हैं। वहीं, अभी तक इस बारे में पता नहीं चल पाया है कि बहुत ही ज्यादा एडिट की गई यह ऑडियो रिकॉर्डिंग चोरी की गई थी या पूरी तरह से फर्जी हैं। यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको के साथ बाइडेन के 2016 के कॉल की रिकॉर्डिंग यूक्रेन के सांसद एंद्रिल देरकाच ने मई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जारी की थी। नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में व्याख्याता और ध्वनि विशेषज्ञ स्टीफन मूर ने इस रिकॉर्डिंग का गहराई से अवलोकन करने पर पाया कि इसमें छेड़छाड़ की गई है।
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