संयुक्त राष्ट्र: इस्राइल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 2 वर्षीय सदस्यता की दौड़ से बाहर हो गया है। इससे जर्मनी और बेल्जियम का रास्ता साफ हो गया है। इस्राइल के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने शुक्रवार दोपहर को तीनों दावेदारों के बीच बहस शुरू होने से तुरंत पहले इस फैसले का ऐलान किया। मिशन ने कहा, ‘हमारे साझेदारों से मशवरे के बाद इस्राइल ने सुरक्षा परिषद की सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है।’ सुरक्षा परिषद में गैर स्थाई सीटें क्षेत्रीय तौर पर आवंटित हैं और इस्राइल जो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह (WEOG) में है, उसने 2019-2020 के कार्यकाल के लिए समूह की 2 सीटों में से एक के लिए चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी।
जर्मनी में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड ग्रेनेल के मुताबिक, WEOG सीट के लिए निर्विरोध लड़ने में असफल रहना इस्राइल के लिए झटका है, जो कभी परिषद का सदस्य नहीं रहा। उन्होंने कहा कि यह पश्चिमी यूरोपीय देशों की वादा खिलाफी है। उन्होंने मार्च में ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका ने इस्राइल के लिए WEOG समूह की सीटों में से एक पर निर्विरोध लड़ने के करार की मध्यस्थता की थी इसलिए उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूरोपीय देश अपने शब्दों पर कायम रहें। हालांकि, मध्यपूर्वी देश एशिया प्रशांत समूह में हैं, इस्राइल को समूह के कुछ सदस्य देशों से चुनौती का सामना करना पड़ा।
इस्राइल सुरक्षा परिषद का सदस्य कभी नहीं बना और यूरोपीय देशों से जीतना इस्राइल के लिए मुश्किल होता लेकिन यदि समूह में कोई उसे चुनौती नहीं देता तो वह जीत सकता था। 2019-2020 कार्यकाल के लिए एशिया प्रशांत समूह के लिए एक सीट है और इंडोनेशिया और मालदीव इस पर चुनाव लड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य सुरक्ष परिषद के गैर स्थाई सदस्यों के लिए वोटिंग करेंगे। इस संदर्भ में चुनाव 8 जून को होगा।
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