वाशिंग्टन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर दंगों में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाईयों की फोटो ट्वीट की है और लोगों से उनकी जानकारी मांगी है। अमेरिका में लेफायेट्टे पार्क में हुए दंगे के आरोपियों के पोस्टर कई जगहों पर लगाए गए हैं। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एंड्र्यू जैक्सन की प्रतिमा को गिराया है। भारत में ऐसा उत्तर प्रदेश में हुए दंगों के बाद हुआ था जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों की फोटो सार्वजनिक कर उनके खिलाफ कर्रवाई की थी।
दरअसल अमेरिका में हाल ही में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन को एक अमेरिकी पुलिस कर्मी ने अपने घुटनों से काफी देर तक दबाया था जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी, जिसके बाद से अमेरिका में हिंसा भड़क उठी थी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था।
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में स्थापित एक कॉन्फेडरेट जनरल की प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों ने तोड़कर आग के हवाले कर दिया था। यह घटना 19 जून को हुई जिस दिन को अमेरिका में दास प्रथा के अंत के रूप में मनाया जाता है। मिनियापोलिस में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिका में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं और इस बीच यह घटना हई थी।
ग्रेनाइट के बने मंच पर स्थापित 11 फुट की अलबर्ट पाइक की प्रतिमा को जंजीर से बांध कर गिराया गया और मूर्ति गिरने पर प्रदर्शनकारियों ने उसपर कूद-कूद कर अपनी खुशी का इजहार किया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने खंडित मूर्ति के चारों ओर लकड़ी रख उसमें आग लगा दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘‘न्याय नहीं तो शांति नहीं’’ और ‘‘नस्लवादी पुलिस नहीं चाहिए’’ के नारे लगाए थे।
इस बीच चश्मदीदों ने पूरी घटना का वीडियो बना सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घटना पर ट्वीट कर वाशिंगटन डीसी के महापौर को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘वाशिंगटन की पुलिस अपना काम नहीं कर रही है वह मूर्ति को गिराते और जलाते हुए दिख रही थी।’’ हालांकि, मूर्ति को गिराने के बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक तरीके से व्हाइट हाउस के नजदीक स्थित लफायेट्टे पार्क चले गए थे।
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