संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सोमवार को अंतररराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि अफगानिस्तान आतंकी संगठनों के लिए एक बार फिर पनाहगाह न बनने पाए। उन्होंने यह भी कहा कि युद्धग्रस्त देश के लोगों को अकेले नहीं छोड़ा जा सकता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की सोमवार को भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान के हालात पर आपात बैठक हुई जो इस मुद्दे पर एक हफ्ते में हुई सुरक्षा परिषद की दूसरी बैठक है। अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास है।
तालिबान के रविवार को काबुल में प्रवेश के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर उसका कब्जा हो गया। राजधानी काबुल में घुसकर तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी को देशी-विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा। गुतारेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, 'विश्व दुखी दिल से अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को देख रहा है और इसे लेकर अनिश्चितता है कि आगे क्या होगा। हम सबने अफरातफरी और अनिश्चितता की तस्वीरें देखी हैं।'
उन्होंने आह्वान किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सुनिश्चित करे कि अफगानिस्तान आतंकी संगठनों के लिए एक बार फिर पनाहगाह न बन पाए। गुतारेस ने यह भी कहा, 'अफगानिस्तान के लोगों को हम अकेले नहीं छोड़ सकते। मैं सुरक्षा परिषद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने, मिलकर काम करने और अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवाद को कुचलने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने की अपील करता हूं।'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हिंसा को तत्काल खत्म करने और अफगान लोगों के अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया। उन्होंने तालिबान और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और सभी लोगों की स्वतंत्रता का सम्मान करने को कहा। गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान से बहुत ही हृदय विदारक खबरें आ रही हैं।
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