वाशिंगटन: अमेरिका में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक और उनकी टीम ने कोविड-19 के उपचार के लिए ‘रेमडेसिविर’ सहित चार संभावित विषाणु रोधी दवाओं की पहचान की है। ये दवाएं नए कोरोना वायरस को मानव शरीर के भीतर अपनी प्रतिकृति बनाने से रोकने में कारगर हो सकती हैं। इन दवाओं में शामिल ‘रेमडेसिविर’ को मूलत: इबोला के उपचार के लिए विकसित किया गया था।
अमेरिका के मिसौरी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर कमलेंद्र सिंह और उनके सहकर्मियों ने कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर, 5-फ्लुओरोउरासिल, रिबाविरिन और फैविपिराविर के प्रभाव को परखने के लिए कंप्यूटर आधारित दवा डिजाइन का इस्तेमाल किया।
‘पैथोजन्स’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में पाया गया कि सभी चार दवाएं कोरोना वायरस के आरएनए प्रोटीन को नए कोरोना वायरस की जीनोम प्रतियां बनाने से रोकने में कारगर हैं। सिंह ने कहा, ‘‘कोविड-19 के उपचार में हमारा उद्देश्य डॉक्टरों को विकल्प उपलब्ध कराने में मदद करने और अंतत: संक्रामक रोग से पीड़ित रोगियों के स्वास्थ्य सुधार में योगदान देने का है।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि प्रयोगशाला में तथा रोगियों पर अभी और प्रयोग की आवश्यकता है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संभावित उपचार विषाणु के ‘आरएनए पोलीमरेज’ के प्रति किस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।
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