अमेरिका: लड़कियों का खतना करने के आरोप में भारतीय डॉक्टर गिरफ्तार
भारतीय मूल की 44 वर्षीय महिला डॉक्टर को 6 से 8 साल की लड़कियों का खतना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका में अपनी तरह का यह पहला मामला माना जा रहा है।
न्यूयॉर्क: भारतीय मूल की 44 वर्षीय महिला डॉक्टर को 6 से 8 साल की लड़कियों का खतना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका में अपनी तरह का यह पहला मामला माना जा रहा है। जुमना नगरवाला की इस डॉक्टर पर मिशिगन के लिवोनिया में चिकित्सा कार्यालय के बाहर नाबालिग लड़कियों का खतना करने का आरोप लगाया गया है। हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम वेबसाइट पर नगरवाला के प्रोफाइल के अनुसार वह अंग्रेजी और गुजराती भाषा बोलती है।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
शिकायत के मुताबिक, कुछ नाबालिग बच्चियां खतना कराने के लिए दूसरे राज्यों से नगरवाला के पास लाई गईं। खतना में पुरुषों की तरह ही महिलाओं के जननांग को आंशिक रूप से काट दिया जाता है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नगरवाला ने करीब 6 से 8 साल की लड़िकयों का खतना किया। महिलाओं के खतने को अपराध मानने वाले अमेरिकी कानून के तहत यह अपनी तरह का पहला मामला है। इसके लिए 5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है हालांकि मिशिगन समेत 26 अमेरिकी राज्यों में यह अपराध नहीं है। इमर्जेंसी रूम फिजिशियन नगरवाला को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे डेट्रॉइट की संघीय अदालत में पेश किया जाना है।
इन्हें भी पढ़ें:
- कुलभूषण जाधव कारोबारी नहीं भारतीय जासूस: पाकिस्तान
- कश्मीर में पत्थरबाजों को जवानों ने सिखाया सबक, Video वायरल
- अंबेडकर जयंती पर सीएम योगी का ऐलान, महापुरुषों की जयंती पर नहीं होगी स्कूलों की छुट्टी
न्याय विभाग के आपराधिक संभाग के कार्यवाहक सहायक अटॉर्नी जनरल केनेथ ब्लैंको ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘अपने मरीजों की देखभाल करने की शपथ लेने के बावजूद नगरवाला ने कथित तौर पर सबसे कमजोर पीड़िताओं पर क्रूरता के भयानक कृत्यों का अंजाम दिया।’ ब्लैंकों ने कहा कि न्याय विभाग अमेरिका में महिलाओं का खतना रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी शक्ति का इस्तेमाल करेगा कि कोई भी लड़की ऐसे शारीरिक और भावनात्मक दुर्वयवहार का सामना ना करे।
अफ्रीका, पश्चिम एशिया और एशिया में 30 देशों में 20 करोड़ से ज्यादा जीवित लड़कियां और महिलाएं हैं जिनका खतना किया गया है। WHO ने कहा कि महिलाओं का खतना सबसे ज्यादा शैशवावस्था से लेकर 15 वर्ष की उम्र के बीच किया जाता है और यह लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन है।