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अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को सता रहा है ये डर

निर्वासन आदेश के विरोध में हालिया याचिका ठुकराए जाने के बाद, अमेरिका में करीब दो दशक से रह रहे एक भारतीय को कल कैलिफोर्निया में हिरासत में ले लिया गया।

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न्यूयॉर्क: निर्वासन आदेश के विरोध में हालिया याचिका ठुकराए जाने के बाद, अमेरिका में करीब दो दशक से रह रहे एक भारतीय को कल कैलिफोर्निया में हिरासत में ले लिया गया। गुरमुख सिंह के परिवार और वकील ने बताया कि इस मामले में स्थगन आदेश हासिल करने में विफल रहने के बाद उसे कल संघीय एजेंटों ने हिरासत में लिया। सिंह ने अमेरिकी नागरिक से शादी की है और उनकी दो बेटियां हैं। (पीरियड के दौरान यहां महिलाओं को माने है अछूत, पिलाते हैं गौमूत्र)

भारत के पंजाब में टैक्सी चलाने वाला सिंह वर्ष 1998 में बिना वीजा के मैक्सिको सीमा से होते हुए चोरी छिपे अमेरिका में दाखिल हुआ था। बाद में उसने धार्मिक दमन का हवाला देते हुए शरण के लिए आवेदन दिया था। लेकिन उसके परिवार और वकील ने बताया कि वह इस मामले में सही तरीके से अपना पक्ष नहीं रख पाया और उसे अमेरिका से उसके देश वापस भेजे जाने का आदेश दिया गया।

सिंह की पत्नी बलविंदर कौर साल 2010 में अमेरिकी नागरिक बनी और उसने सिंह के लिए कानूनी तौर पर स्थायी निवास के लिए साल 2012 में आवदेन किया। सिंह को तब पता चला कि उनके खिलाफ निर्वासन का आदेश है। अमेरिका आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग ने सिंह को साल 2013 में हिरासत में ले लिया और वह अपने पूर्व निर्वासन आदेश के आधार पर पांच महीने तक जेल में रहे। लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की मदद से उन्हें जमानत मिली और वह जेल से बाहर आए लेकिन दो सप्ताह पहले एक जज ने सिंह की शरण लेने वाले मामले को दोबारा देखने की अपील को खारिज कर दिया।

सिंह ने हिरासत और निर्वासन की संभावना देखते हुए कहा, मैं टूट जाउंगा, मेरा परिवार अलग हो जाएगा और हम लोग अलग होना नहीं चाहते हैं। वहीं सिंह की बेटी मनप्रीत सैनी ने कहा, वह टूट जाएंगे, वह रो रहे हैं और मैंने उन्हें इस तरह से रोते हुए कभी नहीं देखा है। गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) का एक खंड आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट, (आईसीई) ने एक बयान में कहा, हालांकि दूसरे देशों के अपराधी और वो लोग जो सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पैदा करते हैं, उन पर लगातार नजर रखी जाएगी। डीएचएस कुछ खास वर्गों को संभावित प्रवर्तन से छूट नहीं देगी। सिंह और उनके परिवार का भविष्य अनिश्चित है। उनकी बेटी ने कहा है कि उन्हें पढ़ाई छोड़कर नौकरी खोजनी पड़ेगी।

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