वाशिंगटन: अटलांटा और जॉर्जिया में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक इरमा तूफान से प्रभावित फ्लोरिडा के कई लाख लोगों की मदद करने के लिए अपने संसाधन साझा कर रहे हैं। फ्लोरिडा के दक्षिणी द्वीपों पर कल इरमा का कहर बरपा जिसमें चार लोगों की जान चली गई। लाखों लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ा और सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। उनमें हजारों भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। (2 सप्ताह की यात्रा के लिए अमेरिका रवाना हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी)
फ्लोरिडा में 2010 की जनगणना के मुताबिक तकरीबन 1,20,000 भारतीय-अमेरिकी रहते हैं जिनमें से हजारों लोग मियामी, फोर्ट लॉरा और टांपा क्षेत्रों में रह रहे हैं। ये इलाके खतरे की दृष्टि से बहुत संवेदनशील हैं। फ्लोरिडा में इतनी बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों की जनसंख्या को देखते हुए, अमेरिका में भारत के राजदूत, नवतेज सरना ने राहत बचाव कार्यों और स्थानीय सामुदायिक नेताओं से तालमेल बिठाने के लिए न्यूयॉर्क में अपने महावाणिज्य दूत को अटलांटा भेजा।
न्यूयॉर्क में महावाणिज्य दूत संदीप चक्रवर्ती के नेतृत्व में अटलांटा महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने कई राहत शिविरों का दौरा कर लोगों का हालचाल लिया। स्थानीय निवासियों की मदद से, सेवा इंटरनेशनल ने शरणार्थियों के लिए तब तक रहने की व्यवस्था की है जब तक फ्लोरिडा में स्थिति नहीं सुधरती है। अटलांटा में रहने वाले भारतीय-अमेरिकियों ने फ्लोरिडा के विस्थापितों के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए हैं और उनके लिए अतिरिक्त भोजन की व्यवस्था भी की है।
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