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Hindi News विदेश अमेरिका इंस्टाग्राम लाइव में भारतीय छात्रों से बोले अमेरिका में भारतीय राजदूत संधू, छात्र जहां हैं, वहीं रहें

इंस्टाग्राम लाइव में भारतीय छात्रों से बोले अमेरिका में भारतीय राजदूत संधू, छात्र जहां हैं, वहीं रहें

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कोरोना वायरस संकट के मददेनजर भारतीय छात्रों को जहां हैं वहीं रहने की सलाह दी है और संकट की इस स्थिति में उन्हें मदद का आश्वासन दिया है।

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वाशिंगटन। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कोरोना वायरस संकट के मददेनजर विश्वविद्यालयों को अचानक बंद कर दिए जाने और जारी लॉकडाउन के चलते फंसे भारतीय छात्रों को जहां हैं वहीं रहने की सलाह दी है और संकट की इस स्थिति में उन्हें मदद का आश्वासन दिया है। संधू ने भारतीय दूतावास की ओर से शनिवार को आयोजित इंस्टाग्राम लाइव सत्र में शामिल करीब 500 भारतीय छात्रों को सुना। इस सत्र का संचालन इंडिया स्टूडेंट हब टीम की ओर से किया गया। 

अमेरिका में करीब 2,50,000 भारतीय छात्र हैं जिनमें से काफी संख्या में छात्र अचानक विश्वविद्यालयों को बंद किए जाने और छात्रावासों को खाली करने के लिए कहे जाने के बाद से फंसे हुए हैं। देश में महामारी को फैलने से रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा घर पर रहने संबंधी आदेश का भी उन्हें पालन करना पड़ रहा है। भारत सरकार ने तेजी से फैल रही बीमारी की रफ्तार को थामने के मकसद से 24 मार्च से 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी और इस दौरान रेल, सड़क एवं हवाई सेवाओं पर भी रोक लगा दी थी। 

संधू ने लाइव सत्र के दौरान पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा, “इस वक्त सबसे उचित यह है कि आप जहां हैं वहीं रहें।” छात्रों को आश्वासन देते हुए कि भारतीय दूतावास उनको वीजा जारी करने के विषय पर लगातार अमेरिकी सरकार के संपर्क में है, संधू ने कहा कि स्थिति सुधरने के बाद वे यात्रा की योजना बना सकते हैं। उन्होंने कहा, “मेरी आपको सलाह है कि जहां हैं वहीं रहें। हम आपसे संपर्क में हैं । हम आपकी मदद करेंगे।” 

बाद में संधू ने ट्वीट किया, “इंस्टाग्राम लाइव पर आज दोपहर अमेरिका में भारतीय छात्रों के साथ दिलचस्प संवाद हुआ।” उन्होंने कहा, “युवा छात्र हमारा भविष्य हैं और हम उनसे नये विचारों की अपेक्षा करते हैं।” अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने के फौरन बाद, भारतीय दूतावास और उसके पांच वाणिज्य दूतावासों ने इस संकट की स्थिति में छात्रों की समस्या सुनने के लिए विशिष्ट हेल्पलाइन शुरू की थी। 

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