वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को अमेरिकी सांसदों को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद राज्य के हालात और वहां शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। शीर्ष भारतीय राजनयिक ने पहली बार सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों को कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी, क्योंकि कई सांसदों ने कश्मीर में लगे प्रतिबंधों को लेकर असंतोष जताया है।
गौरतलब है कि कश्मीर से कई प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने कहा था कि 16 अगस्त से ही प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है और सितंबर के पहले हफ्ते तक ज्यादातर प्रतिबंधों को हटा दिया गया है। इस दिशा में प्रमुख कदम के तौर पर 14 अक्टूबर को सभी नेटवर्क की पोस्ट-पेड मोबाइल फोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया। कई कांग्रेस सदस्य जो समिति के सदस्य नहीं है, वे भी राजदूत की ब्रीफिंग में शामिल हुए और अधिकतर सांसद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के थे।
ब्रीफिंग में कांग्रेस सदस्य अमी बेरा एकमात्र भारतीय-अमेरिकी सांसद थे। श्रृंगला और यहां स्थित भारतीय दूतावास तथा न्यूयॉर्क, शिकागो, अटलांटा, ह्यूस्टन और सैन फ्रांसिस्को में स्थित वाणिज्य दूतावासों के अन्य राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद सैकड़ों अमेरिकी सांसदों और उनके सहयोगियों से संपर्क कर अपनी बात रखी है।
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले के बाद सरकार ने स्थित सामान्य करने के लिए कदम उठाए हैं।
पोस्ट-पेड मोबाइल सेवाओं को बहाल करने के अलावा, पर्यटकों को भी यात्रा करने की अनुमति दे दी गई है। लैंडलाइन फोन चालू हैं, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल भी खुले हुए हैं, दुकानें व व्यावसायिक प्रतिष्ठानें भी खुलने लगे हैं। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के ऐतिहासिक संदर्भ और भारत द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में सांसदों को जानकारी दी।
श्रृंगला ने एक-एक करके सांसदों के सवालों का धैर्यपूर्वक जवाब दिया। सांसदों ने गतिविधियों और संचार पर प्रतिबंध समेत कई मुद्दे उठाए। श्रृंगला ने सांसदों को आश्वासन दिया कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो रही है। राजदूत ने कहा कि अधिकतर प्रतिबंध हटा दिए गए हैं और बाकी धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं।
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