रिचर्ड वर्मा ने बताया, अपनी दोस्ती को कैसे और मजबूत कर सकते हैं भारत-अमेरिका
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने रणनीतिक संबंधों को आगे ले जाने के लिए ‘पूरी ताकत से बढ़ने’ की आवश्यकता है...
न्यूयॉर्क: भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके रिचर्ड वर्मा ने कहा है कि नई दिल्ली और वॉशिंगटन जब रक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं तो ऐसे में उनके लिए हर रोज व्यापार मुद्दों पर लड़ना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने रणनीतिक संबंधों को आगे ले जाने के लिए ‘पूरी ताकत से बढ़ने’ की आवश्यकता है। वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका ‘महत्वाकांक्षी संबंध’ चाहते हैं और स्वाभाविक सहयोगी बनना चाहते हैं जिसके लिए उन्हें आर्थिक और सैन्य क्षेत्र सहित ‘पूरी ताकत से बढ़ने’ की जरूरत है।
वर्मा ने सोमवार को न्यूयॉर्क में कहा, ‘हम पूर्ण स्तरीय संबंध चाहते हैं, न सिर्फ रक्षा संबंध, न सिर्फ रणनीतिक संबंध। हमें आर्थिक पक्ष पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। हमें किसी भी तरह ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘अमेरिका फर्स्ट’ पर साथ-साथ चलने की जरूरत है। जब हम रक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं तो हम हर रोज व्यापार मुद्दों पर नहीं लड़ सकते और सोचिए कि हम एक महान संबंध स्थापित करने जा रहे हैं। हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ने की जरूरत है, जिसका मतलब है आर्थिक, सैन्य।’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को भारत के साथ अपने रक्षा संबंध को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है।
वर्मा ने कहा, ‘इसका मतलब है कि हमें भारत को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मुहैया करानी चाहिए, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि भारत परेशानी में हो, यदि उन्हें चुनौती मिलती है तो उनके पास जीत का साधन हों।’ वह न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित तीसरे ‘न्यू इंडिया लेक्चर’ में बोल रहे थे। वर्मा ने एच1बी कार्य वीजा, आव्रजन और चीन-पाकिस्तान से संबंधित भू-राजनीतिक मुद्दों सहित भारत-अमेरिका संबंधों से संबंधित व्यापक मुद्दों पर बात की।
एशिया ग्रुप में उपाध्यक्ष और भागीदार तथा यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के बोर्ड सदस्य वर्मा ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध दशकों तक ‘थोड़ा उम्मीद से कम सफलता वाले’ रहे हैं। उन्होंने ‘यूएस-इंडिया: नैचुरल एलाईज-एब्सेंट द एलायंस’ विषय पर अपने संबोधन में कहा, ‘हमें कुछ इतिहास में मिला है जिसने हमें प्रभावित किया है। हमारे बीच अब भी विश्वास से जुड़े कुछ मुद्दे हैं और कोई भी पक्ष गठबंधन में नहीं पड़ना चाहता।’ वर्मा ने अपने माता-पिता की भारत से अमेरिका यात्रा को याद करते हुए कहा कि अमेरिका में आव्रजकों और आव्रजन ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।