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Hindi News विदेश अमेरिका 'भारत एकीकृत कंपनियों का समर्थन करता है पर एकाधिकार के खिलाफ'

'भारत एकीकृत कंपनियों का समर्थन करता है पर एकाधिकार के खिलाफ'

ह्यूस्टन: केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज कहा कि भारत सार्वजनिक क्षेत्र में एकीकृत कंपनियों के गठन का समर्थन करता है लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस कदम से किसी एक इकाई का एकाधिकार

India supports unified companies but against monopoly- India TV Hindi India supports unified companies but against monopoly

ह्यूस्टन: केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज कहा कि भारत सार्वजनिक क्षेत्र में एकीकृत कंपनियों के गठन का समर्थन करता है लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस कदम से किसी एक इकाई का एकाधिकार नहीं हो जाए। प्रधान ने सीईआरए वीक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कहा, हमारे यहां कई कंपनियां हैं। अब भारत में जिस प्रकार का मजबूत बाजार उभर रहा है, उसको देखते हुए हम एकीकृत कंपनियां चाहते हैं। निश्चित तौर पर मैं एक चीज के लिये आश्वस्त कर सकता हूं कि एक से अधिक इकाइयां होंगी।

एक सप्ताह चलने वाले सम्मेलन में तेल एवं प्राकृतिक गैस उद्योग से जुड़े दिग्गज और प्रमुख तेल उत्पादक एवं उपभोक्ता देशों के मंत्री भाग ले रहे हैं। प्रधान ओएनजीसी, आईओसी तथा गेल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विलय के बारे में रिपोर्ट पर पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे। केंद्र सरकार ने बजट में कंपनियों के विलय और एक इकाई गठित करने की घोषणा की है। हालांकि प्रधान ने सार्वजनिक क्षेत्र की इन बड़ी इकाइयों के विलय के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री ने कहा, सरकार ने केवल दिशानिर्देश दिया है। अब इन कंपनियों को आगे के रास्ते के बारे में निर्णय करना है। उन्होंने कहा कि हम खोज एवं उत्पाद से लेकर रिफाइनिंग क्षेत्र में एकीकृत कंपनी सृजित करना चाहते हैं। इसमें कुछ मध्यम स्तर की और कुछ बड़ी कंपनियां होंगी। प्रधान ने कहा कि सरकार उभरते उर्जा बाजार में ज्यादा समन्वय के लिये कुछ खंड सृजित करना चाहती है।

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