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पाकिस्तान को दोहरा झटका, UN में भारत ने घेरा तो अमेरिका में सांसद लाए यह प्रस्ताव

स्टेट पॉलिसी के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान के लिए यह काफी परेशान करने वाली बात है।

India supports UN move against terror funding, points to ‘serial offender’ Pakistan | PTI- India TV Hindi India supports UN move against terror funding, points to ‘serial offender’ Pakistan | PTI

न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन: पाकिस्तान को पिछले कुछ घंटों में कूटनीतिक मोर्चे पर दो बड़े झटके लगे हैं। एक तरफ संयुक्त राष्ट्र ने टेरर फंडिंग के खिलाफ एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है तो दूसरी तरफ अमेरिकी सांसद स्कॉट पेरी ने संसद में पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव लाया है, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की मांग की गई है। स्टेट पॉलिसी के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान के लिए यह काफी परेशान करने वाली बात है क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी काफी बदनामी हुई है।

पाकिस्तान का परोक्ष संदर्भ देते हुए भारत ने कहा कि ‘आतंकवादियों का समर्थन’ करने वाले देश अपनी कार्रवाई और निष्क्रियता को उचित ठहराते हुए उन्हें ‘पनाह’ देते रहेंगे। भारत ने सुरक्षा परिषद से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों और संस्थाओं के खिलाफ अहम प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का आह्वान भी किया। सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जिसमें सदस्य देशों से आतंकवादियों और उनकी गतिविधियों के वित्त पोषण से निपटने के प्रयास तेज करने के लिए कहा गया है।

भारत ने प्रस्ताव स्वीकार किए जाने का स्वागत करते हुए इसे आतंकवाद के वित्त पोषण के अपराधीकरण के लिए प्रमाणिक ढांचा बनाने के वैश्विक प्रयास में ‘मील का पत्थर’ बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ‘आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने और उससे निपटने’ पर सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि नयी दिल्ली वित्तीय कार्य बल की अनिवार्य भूमिका के प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने का स्वागत करती है।

उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, ‘दुर्भाग्यवश सच्चाई यह है कि आतंकवादियों का समर्थन करने वाले देश अपनी कार्रवाई और निष्क्रियता को उचित ठहराते हुए आतंकवादियों को पनाह देते रहेंगे जैसा कि आज एक आदतन अपराधी ने किया।’ संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने चर्चा के दौरान अपने बयान में कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि FATF और 1267 प्रतिबंधों को कुछ देश अपने भू राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राजनीतिक उपकरणों के तौर पर इस्तेमाल ना करे।’ उन्होंने अपने बयान में जम्मू कश्मीर का भी जिक्र किया।

वहीं, इससे पहले अमेरिकी कांग्रेस में गुरुवार को एक सांसद ने प्रस्ताव पेश करके मांग की है कि पाकिस्तान आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह को मिटाने के लिए कार्रवाई करे। कांग्रेस सदस्य स्कॉट पैरी ने यह प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा में पेश किया। इसमें पुलवामा आतंकी हमले की निंदा भी की गई है। पेंसिल्वेनिया से रिपब्लिक पार्टी के सदस्य पैरी ने कहा कि बहुत हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘अब समय है कि पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार बनाया जाए। पाकिस्तान का आतंकवाद और आतंकियों के हमदर्दों को पनाह देने का लंबा इतिहास रहा है।’

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