वॉशिंगटन: आर्थिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका अपनी जड़ें मजबूत करने में लगा हुआ है। यही वजह है कि अमेरिकी सरकार इलाके में अपने आपको मजबूती से स्थापित करने के लिए भारत का साथ भी जरूरी समझती है। शायद यही वजह है कि सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के अमेरिका के प्रयासों में भारत अहम साझेदार है। पूरे क्षेत्र में विकास और आर्थिक सहायता के लिए अमेरिकी पहलों की घोषणा के मद्देनजर एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने यह टिप्पणी की।
अमेरिकी विदेश मंत्री के वरिष्ठ नीति सलाहकार ब्रायन हूक ने कहा कि अमेरिका और भारत ना केवल द्विपक्षीय रूप से काम कर रहे हैं बल्कि वह समान विचार रखने वाले साझेदारों खासतौर से जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के साथ भी सहयोग कर रहे हैं। हूक ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और बढ़ती समृद्धि सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों में एक अहम साझेदार है। हम इस संबंध में भारत के साथ बहुत निकटता से काम कर रहे हैं।’
शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि सबसे पुराने और बड़े लोकतंत्र होने के नाते भारत और अमेरिका चिरस्थायी हित और मूल्य साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका की भागीदारी साझे लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति के जरिए अमेरिका चीन को साधना चाहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र के पास दुनिया की आधी जीडीपी होगी।
Latest World News