वॉशिंगटन: भारत और अमेरिका के बीच अधिकतर व्यापार मुद्दों का समाधान करने पर सहमति बन रही है। इससे दोनों के बीच एक ‘शुरुआती व्यापारिक व्यवस्था’ बनने की संभावना है और दोनों देश एक-दूसरे के बाजार में समान पहुंच उपलब्ध कराने पर विचार कर रहे हैं। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर के बीच यहां बुधवार को हुई बैठक में इस बहुप्रतीक्षित मसले पर यह सहमति बनी। दोनों नेताओं ने बृहस्पतिवार को फोन पर बातचीत की थी।
अमेरिका का एक उच्च शक्ति प्राप्त प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर जाएगा। इस दौरान इस व्यवस्था को अंतिम स्वरूप दिया जाएगा जिसे शुरुआती व्यापार व्यवस्था कहा जा रहा है जिसके बाद दोनों देशों के बीच एक बड़ा व्यापार समझौते का रास्ता तैयार होगा। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में तनाव उस वक्त पैदा हुआ जब अमेरिका ने चुनिंदा इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर ऊंचा सीमाशुल्क लगाना शुरू कर दिया। इससे भारत का अमेरिका को इन वस्तुओं का निर्यात प्रभावित हुआ।
इतना ही नहीं अमेरिका ने भारतीय निर्यातकों को ‘तरजीह देने की साधारण व्यवस्था’ के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहन को भी वापस ले लिया था। इस योजना के तहत भारत अमेरिका को 6 अरब डॉलर सालाना का निर्यात करता है। इस पर प्रतिरोध कार्रवाई करते हुए भारत ने बादाम समेत अमेरिका के 28 उत्पादों पर ऊंचा आयात शुल्क लगा दिया था। गोयल और लाइटहाइजर के बीच बुधवार को हुई बैठक काफी रचनात्मक रही। इस दौरान व्यापार से जुड़े व्यापक मुद्दों पर बातचीत हुई।
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