वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मुद्रा नियंत्रण उपायों के जरिये भ्रष्टाचार से लड़ने के भारत के प्रयासों का समर्थन किया, लेकिन अर्थव्यवस्था में न्यूनतम गतिरोध का ख्याल रखने पर जोर दिया। व्यापक भ्रष्टाचार और कर चोरी से निपटने के लिए चौकाने वाले कदम में 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के सरकार के निर्णय के बाद पहली बार गुरुवार भारतीय बैंक दोबारा खुले।
आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा, 'हम भारत में भ्रष्टाचार और अवैध वित्तीय प्रवाह से लड़ने के लिए घोषित उपायों का समर्थन करते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में प्रतिदिन के लेनदेन में नकदी की भूमिका को देखते हुए एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा की ओर रुख करने में सावधानी बरतनी होगी जिससे न्यूनतम अवरोध पैदा हो।'
गौरतलब है कि मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रस के नाम संबोधन में 500 और 1000 नोटों को मंगलवार की आधी रात से अमान्य घोषित कर दिया। PM के इस कदम के पीछे सबसे बड़ी वजह थी कालेधन, जाली मुद्रा तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के ऊपर लगाम लगाना। इनके स्थान पर 500 और 2,000 के नए नोट जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद देश भर में मोटे तौर पर समर्थन का माहौल बना। कई लोगों को दिक्कैतों का भी सामना करना पड़ा।
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