वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने प्रचार अभियान के तार रूस से जुड़े होने के आरोपों को फर्जी बताकर खारिज कर दिया और कहा कि खुफिया जांच पैनल को उनके प्रचार सलाहकारों के रूस से संबंधों के बजाय बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन के उस देश से संबंधों की जांच करनी चाहिए।
ट्रंप ने अपने समर्थकों से ट्विटर पर कहा, सदन की खुफिया समिति बिल और हिलेरी की उस संधि की जांच क्यों नहीं कर रही, जिसने बड़ी मात्रा में यूरेनियम रूस जाने दी। वह उस रूसी भाषण, बिल को मिलने वाले धन, हिलेरी द्वारा रूस की तारीफ या पोडेस्टा रूसी कंपनी वाले मामले पर गौर क्यों नहीं करती?
ट्रंप ने अपने ट्वीट में दावा किया कि राष्ट्रपति पद की चुनावी दौड़ में उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी ने विदेश मंत्री रहने के दौरान यूरेनियम रूस जाने दिया। ट्रंप के ये आरोप दरअसल रूस की परमाणु उर्जा एजेंसी द्वारा टोरंटो की एक कंपनी में नियंत्रण संबंधी हिस्सेदारी खरीदने से जुड़े हैं। टोरंटों की इस कंपनी की अमेरिका में खदान और मिल हैं। उन्होंने कहा, ट्रंप रूस की कहानी एक धोखा है।
हाल ही में व्हाइट हाउस का कहना था कि ट्रंप और रूस के बीच किसी प्रकार की सांठ गांठ के कोई सबूत मौजूद नहीं हैं। इस बयान से कुछ ही घंटों पहले एफबीआई ने ट्रंप अभियान एवं मॉस्को के बीच संभावित संबंधों समेत पिछले साल हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में रूस के दखल को लेकर जांच किये जाने की पुष्टि की थी। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, इस घोषणा के बाद यह साफ हो गया था कि कुछ नहीं बदला। ओबामा के वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ट्रंप-रूस में कोई सांठगांठ नहीं थी।
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