वॉशिंगटन: एक सर्वोच्च हिंदू अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं वहां उन्हें हिंसा, सामाजिक उत्पीड़न और अलग-थलग होने का सामना करना पड़ रहा है। द हिंदू अमेरिका फाउंडेशन (HAF) ने दक्षिण एशिया में हिंदुओं और प्रवासियों पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि समूचे दक्षिण एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यक विभिन्न स्तरों के वैधानिक और संस्थागत भेदभाव, धार्मिक स्वतंत्रता पर पाबंदी, सामाजिक पूर्वाग्रह, हिंसा, सामाजिक उत्पीड़न के साथ ही आर्थिक और सियासी रूप से हाशिये वाली स्थित का सामना करते हैं।
अमेरिकी राजधानी में इस हफ्ते की शुरुआत में जारी हुई रिपोर्ट में कहा गया, ‘हिंदू महिलाएं खास तौर पर इसकी चपेट में आती हैं और बांग्लादेश तथा पाकिस्तान जैसे देशों में अपहरण और जबरन धर्मांतरण जैसे अपराधों का सामना करती हैं। कुछ देशों में जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं वहां राज्यतर लोग भेदभावपूर्ण और अलगाववादी एजेंडा चलाते हैं जिसके पीछे अक्सर सरकारों का मौन या स्पष्ट समर्थन होता है।’
अपनी रिपोर्ट में HAF ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया और पाकिस्तान को हिंदू अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघनकर्ता माना है। भूटान और श्रीलंका की पहचान गंभीर चिंता वाले देशों के तौर पर की गयी है। रिपोर्ट में भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर को भी इसी श्रेणी में रखा गया है।
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