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Hindi News विदेश अमेरिका पूर्व सीआईए उप निदेशक ने कहा, हाफिज सईद के हाथ खून से सने है

पूर्व सीआईए उप निदेशक ने कहा, हाफिज सईद के हाथ खून से सने है

सईद के नजरबंदी से रिहा होने के बाद सीआईए के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘‘उसके हाथ खून से सने हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है।’’ संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी की ओर से आंतकवादी घोषित सईद जनवरी से नजरबंदी में थ

Hafiz-Saeed- India TV Hindi Image Source : PTI Hafiz-Saeed

वाशिंगटन: अमेरिका के खुफिया विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने आज कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के हाथ खून से सने हुए हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है। सीआईए के पूर्व उप निदेशक माइकल मोरेल ने ट्वीट किया, ‘‘सईद आतंकवादी है। लश्करे तैयबा के साथ काम कर चुका है, एक कश्मीरी आतंकवादी संगठन और हमलों में अलकायदा की सहायता कर चुका है।’’

सईद के नजरबंदी से रिहा होने के बाद सीआईए के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘‘उसके हाथ खून से सने हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है।’’ संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी की ओर से आंतकवादी घोषित सईद जनवरी से नजरबंदी में था लेकिन लाहौर उच्च न्यायालय के रिहा किए जाने के आदेश मिलने के बाद सईद को रिहा कर दिया गया है।

इस घटनाक्रम से चिंतित अमेरिका ने पाकिस्तान से सईद को दोबारा गिरफ्तार करने और उसके अपराधों के लिए उसके खिलाफ आरोप तय करने की मांग की है। अमेरिका ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जमात उद दावा का नेता सलाखों के पीछे हो। वहीं आंतकवादी संगठनों पर जाने माने विशेषज्ञ क्रिस्टीन फेयर ने ट्वीट किया, ‘‘नहीं...जेयूडी इस्लामिक स्टेट से जुड़ा नहीं हैं। क्या धोखेबाजी है.....यकीनन । हाफिज सईद की रिहाई के साथ ही पाकिस्तान में जिहादियों का मुख्यधारा में राजनीतिकरण पूरा हुआ।’एनबीसी न्यूज का कहना है कि सईद की रिहाई से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध दोबारा बिगड़ सकते हैं।

वहीं वाशिंगटन एक्जामिनर ने अपने ओपैड में कहा कि ट्रंप प्रशासन को सईद को ‘‘पकड़ने अथवा मारने ’’ के लिए ‘‘भारत के साथ मिल कर काम करना चाहिए।’’ इसमें कहा गया, ‘‘ट्रंप को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करके उन्हें सईद को मारने अथवा पकड़ने के लिए मिल कर काम करने का प्रस्ताव पेश करना चाहिए।’’ संपादीय के अनुसार सईद की मंशा अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में नए मुस्लिम धार्मिक राजनीतिक प्रकोष्ठ की अगुआई करने की है।

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