वाशिंगटन: अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले रविवार को बढ़कर 51 लाख हो गए जो कि अभी तक दुनिया में किसी देश में सबसे अधिक हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि जांच की सीमाओं और बड़ी संख्या में कम लक्षण वाले मामलों की पहचान नहीं हो पाने के चलते अमेरिका में यह संख्या इससे कई गुना अधिक या करीब पांच करोड़ के आसपास हो सकती है। अमेरिका में प्रतिदिन करीब 54,000 नये मामले सामने आ रहे हैं जिसके बाद यहां कोविड-19 के मामले बढ़कर 5,199,444 हो गए हैं। वहीं इस वायरस से मरने वालों की संख्या 165,617 हो गई है।
इसके उलट यूरोप में वायरस के मामले कम से कम फिलहाल नियंत्रण में प्रतीत हो रहे हैं। विश्व के सबसे ताकतवर देश अमेरिका द्वारा संक्रमण के मामलों को काबू में रखने में असफलता को यूरोप में हैरानी से देखा जा रहा है।
गत फरवरी में जब इटली में संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई थी तब देश इसे संभालने के लिए तैयार नहीं था। हालांकि देश में 10 सप्ताह के लॉकडाउन, सतर्कता बरतते हुए संक्रमितों की पहचान करने का अभियान और जनता में मास्क लगाने और एकदूसरे से दूरी बनाने को लेकर स्वीकार्यता ने इटली को मामलों को काबू में करने का एक मॉडल बना दिया।
रोम के उत्तर में लेक ब्रेसियानो के किनारे में अपने मित्रों के साथ मास्क लगाकर घूम रही पैत्रिजिया एंतोनिनी ने अमेरिका के लोगों के बारे में कहा, ‘‘क्या वे अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता नहीं करते? उन्हें और एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्हें असली लॉकडाउन की जरूरत है।’’
दैनिक समाचारपत्र ‘कोरिएरी डेल्ला सेरा’ में लेख लिखने वाले मैसिमो फ्रैंको ने कहा, ‘‘हम इतालवी हमेशा अमेरिका को एक आदर्श के तौर पर देखते थे लेकिन इस वायरस के साथ हमने एक ऐसा देश पाया जो कि बहुत नाजुक है जिसका आधारभूत ढांचा और जन स्वास्थ्य प्रणाली कमजोर है।’’
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