संयुक्त राष्ट्र: भारत ने अपने अब तक के रुख से हटते हुए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इस्राइल के एक प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है। इस्राइली प्रस्ताव में फिलीस्तीन के एक गैर-सरकारी संगठन को सलाहकार का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। इस्राइल ने कहा कि संगठन ने हमास के साथ अपने संबंधों का खुलास नहीं किया था। आपको बता दें कि अब तक भारत ने कभी भी फिलीस्तीन या उसकी किसी संस्था के खिलाफ जाकर इस्राइल के पक्ष में वोट नहीं किया था।
इस्राइल ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में 6 जून को मसौदा प्रस्ताव ‘एल-15’ पेश किया। इस प्रस्ताव के पक्ष में रिकॉर्ड 28 मत पड़े जबकि 15 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया। वहीं, 5 देशों ने मत विभाजन में भाग नहीं लिया। प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, भारत, आयरलैंड, जापान, कोरिया, यूक्रेन, ब्रिटेन, और अमेरिका शामिल हैं। परिषद ने NGO के आववेदन को लौटाने का फैसला किया क्योंकि इस साल की शुरुआत में जब उसके विषय पर विचार किया जा रहा था, गैर-सरकारी संगठन महत्वपूर्ण जानकारी पेश करने में विफल रहा।
उधर, भारत में इस्राइल की राजनयिक माया कडोश ने अपने देश के समर्थन में वोट डालने पर भारत का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'इस्राइल के साथ खड़े रहने और आतंकी संगठन ‘शाहेद’ को संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक का दर्जा देने की अपील को खारिज करने के लिए भारत का शुक्रिया। हम साथ मिलकर उन आतंकी संगठनों के खिलाफ काम करते रहेंगे जिनका मकसद नुकसान पहुंचाना है।' परिषद ने NGO के आवेदन को लौटाने का फैसला किया क्योंकि इस साल की शुरुआत में जब उसके विषय पर विचार किया जा रहा था तब वह महत्वपूर्ण जानकारी देने में विफल रहा था।
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