न्यूयॉर्क: वकीलों के एक समूह ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ यूजर्स को ब्लॉक करने को लेकर मुकदमा करने की चेतावनी दी है और आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति का यह कदम अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करता है।
वॉक्स डॉट कॉम पर गुरुवार को प्रकाशित रपट के मुताबिक, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के नाइट फर्स्ट एमेंडमेंट इंस्टीट्यूट के वकीलों ने दो ट्विटर प्रयोक्ताओं की तरफ से ट्रंप को पत्र लिखकर यह धमकी दी है, जिनका अकाउंट हाल के दिनों में राष्ट्रपति का मजाक उड़ाने पर ब्लॉक कर दिया गया था। वकीलों का कहना है कि ट्रंप का ट्विटर अकाउंट एक सार्वजनिक मंच है, और यूजर्स को इसके ट्विट्स देखने या इसमें शामिल होने से रोकना संविधान के पहले संशोधन द्वारा दिए गए मुक्त भाषण के अधिकार का हनन है।
नाइट फर्स्ट एमेंडमेंट इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक जमील जाफर ने कहा, ‘राष्ट्रपति को सार्वजनिक बातचीत में विचारों को रोकने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, भले ही उनकी नजर में वे विचार आपत्तिजनक हैं।’ समूह ने मार्च में एक संघीय अदालत के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें वर्जीनिया के लाउडोन काउंटी के अर्टानी कार्यालय ने कानूनी मुद्दों पर चर्चा करने के एक फेसबुक पेज बनाया था। इस पेज के बारे में अदालत ने आदेश दिया था कि यह सार्वजनिक मंच पर है जिस पर संविधान का पहला संशोधन लागू होता है।
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