चीन के लिए फेसबुक ने किया एक बड़ा बदलाव
सेन फ्रांसिस्को: चीन में वापस अपनी मौजूदगी बनाने की कोशिश में जुटे फेसबुक ने इस प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाले जाने वाले पोस्ट को भौगोलिक आधार पर सेंसर करने वाला एक टूल बनाया है।
सेन फ्रांसिस्को: चीन में वापस अपनी मौजूदगी बनाने की कोशिश में जुटे फेसबुक ने इस प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाले जाने वाले पोस्ट को भौगोलिक आधार पर सेंसर करने वाला एक टूल बनाया है। द न्यूयार्क टाइम्स ने फेसबुक के तीन पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों के हवाले से कहा कि यह टूल विभिन्न स्थानों पर सोशल नेटवर्क पर आने वाले न्यूज फीड को फिल्टर कर सकता है। इन कर्मचारियों ने पहचान न उजागर करने का अनुरोध किया था। एएफपी की ओर से ईमेल के जरिए पूछे गए सवाल के जवाब में फेसबुक की प्रवक्ता ने कहा, हम लंबे समय से कहते आए हैं कि हम चीन में दिलचस्पी रखते हैं और इस देश के बारे में समझने एवं सीखने में समय बिता रहे हैं। (विदेश की बाकी खबरों के लिए पढ़ें)
उन्होंने कहा, हमने चीन के प्रति अपने रूख पर कोई फैसला नहीं किया है। द न्यूयार्क टाइम्स की खबर के अनुसार, फेसबुक के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने पोस्ट सेंसर करने के लिए टूल तैयार करने के प्रयास का समर्थन किया है। जकरबर्ग ने कई साल तक मंदारिन सीखी है, चीनी नेताओं से मुलाकात की और चीन की यात्रा भी की है। सोशल नेटवर्क वर्ष 2009 से ही चीन में प्रतिबंधित है। ऐसा माना जाता है कि यह अधिकारियों के हितों के कारण प्रतिबंधित है ताकि इंटरनेट का इस्तेमाल करके साझा की जा रही सूचनाओं और आयोजित किए जाने वाले आंदोलनों को नियंत्रित किया जा सके।
केलिफोर्निया की कंपनी की ओर से जारी हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक ने इस साल के उत्तराद्र्ध में कई देशों में सामग्री को बाधित कर दिया था। अमेरिकी इंटरनेट कंपनियां सरकार के उन अनुरोधों का पालन करती आई हैं, जिनमें स्थानीय नियमों के अनुरूप पोस्ट की गई सूचनाओं को अवरूद्ध करने के लिए कहा जाता है। उदाहरण के लिए, फेसबुक ने कहा कि रूस में उसने उस सामग्री को अवरूद्ध कर दिया था, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा था कि इससे रूसी महासंघ की अखंडता और उस स्थानीय कानून का उल्लंघन होता है, जो व्यापक दंगों और नशीले पदार्थों की बिक्री को रोकता है।
पारदर्शिता की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में कुछ सामग्री तक पहुंच इसलिए बाधित की गई क्योंकि वहां ये आरोप लगाए गए थे कि स्थानीय ईशनिंदा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। पारदर्शिता से जुड़ी रिपोर्ट में कहा गया कि फ्रांस में फेसबुक ने सामग्री को उन नियमों के तहत अवरूद्ध किया था, जो विध्वंस को नकारने या आतंकवाद की अनदेखी पर रोक लगाते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमलों की एक तस्वीर को इस आधार पर हटा लिया गया था कि इससे मानवीय गरिमा की रक्षा से जुड़े फ्रांसीसी नियमों का उल्लंघन होता था। द न्यूयार्क टाइम्स की खबर में कहा गया कि चीन को ध्यान में रखकर बनाया गया सॉफ्टवेयर टूल पोस्ट हटाने के लिए सरकार की शिकायतों के बाद कार्रवाई के बजाय पहले ही चुनिंदा पोस्ट को डाले जाने से रोक देगा।