चाल्र्सटन: बाइबल स्टडी सत्र के दौरान गिरजाघर के नौ अश्वेत सदस्यों को बर्बरता से मौत के घाट उतारने वाले डायलान रूफ को मौत की सजा दी गई है। संघीय घृणा अपराध में यह सजा पाने वाला वह पहला व्यक्ति बन गया है।
जूरी ने तीन घंटे के विचार-विमर्श के बाद यह सजा सुनाई । श्वेतों को सर्वोच्च मानने वाले 22 वर्षीय रूफ को अपनी हरकत पर कोई पछतावा नहीं है और उसने माफी की मांग भी नहीं की है। उसने अपना मुकदमा खुद लड़ा और कभी भी माफी या दया की मांग नहीं की और ना ही नरसंहार के पीछे कोई तर्क दिया।
रूफ ने जूरी से केवल एक ही वाक्य कहा, मुझे अभी भी ऐसा लगता है कि मुझे ऐसा करना चाहिए था। मारे गए सभी लोग मदर इमेनुअल नाम के गिरजाघर के प्रति पूरी तरह समर्पित थे। उनमें से कई लोगों के परिवारों ने रूफ को माफी देने की मांग भी की। दक्षिण केरोलिना के गिरजाघर में 17 जून 2015 को रूफ ने नौ अश्वेत उपासकों की हत्या कर दी थी।
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