वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस दिन कोविड-19 महामारी को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था, तब अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा था,‘‘मुझे बहुत कुछ करने का अधिकार है जिसके बारे में लोग जानते तक नहीं हैं।’’ ट्रंप शेखी नहीं बघार रहे थे। दरअसल जब कोई राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात स्थिति की घोषणा करता है तो दर्जनों वैधानिक संस्थाएं उसके अधीन आ जाती हैं।
यूं तो इन संस्थाओं का इस्तेमाल न के बराबर होता है लेकिन ट्रंप ने पिछले महीने यह कहकर कानूनी जानकारों और अन्य लोगों को स्तब्ध कर दिया था कि कोविड-19 के दिशानिर्देशों में ढील देने में उन्हें गवर्नर्स पर पूरी तरह अधिकार है। इसके बाद दस सीनेटरों ने यह जानने की कोशिश की कि ट्रंप जिन आपातकालीन शक्तियों की बात कर रहे हैं, वह आखिर हैं क्या।
उन्होंने इस प्रशासन के प्रेसिडेंशियल इमर्जेंसी एक्शन डॉक्यूमेंट देखने को मांगे हैं। ये दस्तावेज राष्ट्रपति को संविधान से इतर अधिकार तो नहीं देते हैं लेकिन ये बताते हैं कि राष्ट्रीय आपात स्थिति से निपटने के लिए संविधान राष्ट्रपति को क्या शक्तियां देता है। सीनेटरों का मानना है कि दस्तावेज उन्हें यह समझने में मदद करेंगे कि व्हाइट हाउस राष्ट्रपति की आपात शक्तियों की किस तरह व्याख्या करता है।
सीनेटर एनगस किंग ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मामला है जब राष्ट्रपति आपात स्थिति की घोषणा करता है और कहता है कि ‘चूंकि यह आपात स्थिति है इसलिए मैं यह और वह कर सकता हूं’ ।’’
उन्होंने और सात डेमोक्रेट सदस्य तथा एक रिपब्लिकन सदस्य ने पिछले महीने कार्यवाहक राष्ट्रीय आसूचना निदेशक रिचर्ड ग्रेनेल को पत्र लिख वर्तमान प्रेसिडेंशियल इमर्जेंसी एक्शन डॉक्यूमेंट की जानकारी मांगी है।
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