वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर अब चीन की व्यापारिक कार्यप्रणाली आ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि (USTR) को चीन की व्यापारिक कार्यप्रणाली की जांच करने के निर्देश देने वाले हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शनिवार को बताया कि इससे इस बात की चिंता बढ़ गई है कि अमेरिका चीन, अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए एकपक्षीय कदम उठा सकता है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि USTR रॉबर्ट लाइटाइजर इस बात पर विचार करेंगे कि क्या व्यापार अधिनियम की धारा 301 के तहत चीन की व्यापारिक प्रणालियों की जांच की जाए या नहीं लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि यूएसटीआर इस फैसले पर अमल कब करेगा। अधिकारियों का कहना है कि यदि लाइटाइजर जांच का फैसला लेते हैं तो अमेरिका सबसे पहले चीन के साथ विचार-विमर्श करेगा और इस जांच प्रक्रिया में एक साल तक लग सकता है।
धारा 301 को 1974 में पारित किया गया था और इसका 1980 के दशक और 1990 के शुरुआती सालों में खूब इस्तेमाल हुआ। इस धारा के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को अन्य देशों पर एकतरफा शुल्क और व्यापार प्रतिबंध लगाने की अनुमति है। लेकिन अमेरिका ने 1995 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना के बाद से इस व्यापारिक कानून का बमुश्किल ही इस्तेमाल किया है।
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