वॉशिंगटन: दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका इस समय कोरोना वायरस के कहर से बुरी तरह जूझ रहा है और इससे मुकाबले में उसके पसीने छूट रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ने बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत में मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। अब ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि भारत ने इस दवा के निर्यात से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
‘हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं’
बता दें कि मलेरिया की कारगर दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी। ट्रंप ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘मैंने उनसे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) रविवार सुबह को बात की, और मैंने कहा कि हम इसकी सराहना करते हैं कि आप हमारी सप्लाई (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) को आने दे रहे हैं, लेकिन यदि वह इसे रोक लेते हैं, तो भी कोई बात नहीं, लेकिन यकीनन इसके बाद हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। आखिर ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए?’
‘भारत ने अच्छा व्यवहार किया है’ व्हाइट हाउस में हुई प्रेस ब्रीफिंग में ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई कारण समझ में नहीं आता कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन क्यों नहीं हटाएगा। ट्रंप ने कहा, 'मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्होंने इस दवा को अन्य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्छी रही। भारत ने
अमेरिका के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया है।'
कुछ दवाओं पर से भारत ने हटाया प्रतिबंध इस बीच भारत सरकार ने 24 एक्टिव फार्मास्यूटिकल सामग्री (API) और उनसे बने फार्मूलों से प्रतिबंध हटाया है। इन APIs को अब निर्यात किया जा सकता है। भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से भी आंशिक तौर पर प्रतिबंध हटाया है, जो अमेरिका को चाहिए। बता दें कि
ट्रंप ने
पीएम मोदी से यह भी कहा था कि भारत इन दवाओं को अमेरिका भेजता है तो वह खुद भी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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