वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान शांति वार्ता के अंत के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अब तालिबान पर बेहद कड़ी कार्रवाई की जा रही है, जितनी पहले कभी नहीं हुई। बुधवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने बातचीत खत्म होने के लिए तालिबान को दोषी ठहराया, क्योंकि इस आतंकी संगठन ने पिछले हफ्ते काबुल में एक आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोग मारे गए थे।
ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको एक चीज बताना चाहूंगा कि हम तालिबान पर अब पहले से कहीं ज्यादा कड़ाई कर रहे हैं, जितना पहले कभी नहीं हुआ था।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्होंने सोचा था कि ऐसा करने से बातचीत में उनकी बात को तरजीह दी जाएगी। ट्रंप ने कहा, ‘उन्होंने जो किया वह भयानक है। आपने देखा कि उन्होंने एक अमेरिकी सैनिक को मार डाला, उन्होंने 12 लोगों को मार दिया, निर्दोष लोग, बिल्कुल निर्दोष लोग, मेरा मतलब है कि उनमें से कई लोग आम नागरिक थे।’
ट्रंप ने कहा, ‘उन्होंने जो किया, उससे उन्हें लगा कि ऐसा करने से वार्ता में उनके रुख को तवज्जो दी जाएगी। मैंने कह दिया कि यह उनका अंत है, उन्हें खत्म करो। मैं उनके साथ कुछ नहीं करना चाहता। उन पर कड़े प्रहार किये जा रहे हैं।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने एक बड़ी गलती कर दी है और वह मेरा फैसला था, लेकिन अब जो हो रहा है, वह भी मेरा फैसला है। ट्रंप ने कहा, ‘तालिबान के साथ बातचीत अब खत्म हो चुकी है।’ काबुल में हमले के बाद पिछले शनिवार को ट्रंप ने तालिबान के नेताओं और अपने अफगानी समकक्ष के साथ होने वाली गोपनीय वार्ता को रद्द कर दिया था।
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