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Hindi News विदेश अमेरिका हिलेरी क्लिंटन की विरासत मौत, विनाश और आतंकवाद है: डोनाल्‍ड ट्रंप

हिलेरी क्लिंटन की विरासत मौत, विनाश और आतंकवाद है: डोनाल्‍ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन से कहा है कि उन्होंने अमेरिका की विदेश मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पश्चिम एशिया में जो विनाश किया है, वह उसके लिए माफी मांगें।

Donald Tump- India TV Hindi Donald Tump

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन से कहा है कि उन्होंने अमेरिका की विदेश मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पश्चिम एशिया में जो विनाश किया है, वह उसके लिए माफी मांगें।

ट्रंप ने मिशिगन में एक चुनावी रैली में आरोप लगाया, 'देश की विदेश मंत्री के तौर पर हिलेरी के कार्यकाल को अमेरिका के इतिहास में सबसे विनाशकारी समझा जा सकता है, लेकिन उन्हें इस बात का कतई पछतावा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'विदेश मंत्री के तौर पर उनके गलत फैसलों ने आईएसआईएस को दुनिया पर हावी कर दिया, लेकिन उनके कारण जो मौतें एवं विनाश हुआ है, क्या उन्होंने कभी उसके लिए माफी मांगी? नहीं।'

ट्रंप ने आगे कहा, 'उनके विदेश मंत्री बनने से पहले की और बाद की दुनिया को देखो. हिलेरी के विदेश मंत्री बनने से पहले इराक में हिंसा में कमी देखी जा रही थी। लीबिया भी कुछ हद तक स्थिर था. सीरिया में हालात नियंत्रण में थे। जिस ISIS समूह को हम आज जानते हैं, वह थकने के कगार पर था. इराक प्रतिबंधों के कारण दबा हुआ था।'

ट्रंप ने कहा, 'अब, हमारे पास जो है, आप उस पर नजर डालें। हिलेरी के (विदेश मंत्री बनने के) बाद स्थिति यह है कि इराक में पूर्ण अराजकता है। सीरिया में विनाशकारी गृह युद्ध चल रहा है। उस पर अमेरिका एवं यूरोप को शरणार्थी संकट डरा रहा है, जहां हम हजारों लोगों को शरण दे रहे हैं।

ISIS पूरी दुनिया पर हावी हो रहा है.' उन्होंने कहा, 'हिलेरी की विरासत मौत, विनाश एवं आतंकवाद है। अमेरिका बेहतर विरासत का हकदार है। आप इससे कहीं अधिक बेहतर भविष्य के हकदार हैं। मैं इस बदलाव का वाहक हूं।' ट्रंप ने आगे कहा, 'हिलेरी क्लिंटन ने जो नुकसान किया है, वह उसके प्रति उदासीन है, उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी।

उन्होंने ISIS को हावी बनाने के लिए कोई माफी नहीं मांगी। उन्होंने खुली सीमाओं के लिए कोई माफी नहीं मांगी। उन्होंने अपने ई-मेलों और बेनगाजी के बारे में झूठ बोलने के लिए माफी नहीं मांगी।'

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