चरम पर तनाव: ट्रंप ने और भी चीनी दूतावास बंद करने की दी धमकी, कहा ह्यूस्टन में दस्तावेज जला रहा है चीन
ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास का 72 घंटों में बंद करने के आदेश के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर पर करारा हमला बोला है।
अमेरिका और चीन के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास का 72 घंटों में बंद करने के आदेश के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर पर करारा हमला बोला है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि जहां तक अतिरिक्त दूतावासों को बंद करने की बात है, यह हमेशा संभव है। हम आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई करेंगे। वहीं ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास में आग की खबरों पर ट्रंप ने कहा कि हमने सोचा कि जिस दूतावास को हमने बंद किया वहां आग लगी है, लेकिन सच यह है कि चीनी कर्मचारी वहां दस्तावेज जला रहे हैं। मुझे इस सब को देखकर आश्चर्य होता है।
ह्यूस्टन पुलिस विभाग ने बताया कि महावाणिज्य दूतावास के परिसर में मंगलवार रात आठ बजे के आसपास दस्तावेजों को जलाये जाने की खबर मिलते ही दमकल और पुलिस अधिकारी हरकत में आ गये। आग लगने की घटना ऐसे समय में घटी है जब बीजिंग से खबरें आ रही हैं कि अमेरिका ने चीन से ह्यूस्टन, टेक्सास में अपने वाणिज्य दूतावास बंद करने को कहा है। वाणिज्य दूतावास के आसपास से कुछ लोगों द्वारा साझा किये जा रहे वीडियो में कई कचरापेटियों और डिब्बों से आग की लपटें निकलती देखी जा सकती हैं। लोग जलते कचरे में चीजें फेंकते हुए भी देखे जा सकते हैं।
चीनी दूतावास के पास एक ब्लिडिंग में रहने वाला व्यक्ति ने घटना का ऊपर से वीडिया बनाया। इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैरेट्स में दस्तावेज लाए जा रहे हैं ।
चीन ने दी है धमकी
आपको बता दें कि चीन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका ने उसे ह्यूस्टन स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया है। चीन ने इसे अपमानजनक और अनुचित कदम बताया है जिससे दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिकी कदम की निंदा की। यह कदम ऐसे वक्त में आया है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बढ़ रहा है। उन्होंने आगाह किया कि अगर अमेरिका अपना फैसला नहीं बदलता है तो कड़े जवाबी उपाय किए जाएंगे। वांग ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''थोड़े से समय के अंदर ह्यूस्टन में चीन के महावाणिज्य दूतावास को एकतरफा तरीके से बंद करना, चीन के खिलाफ उसके हाल के कदमों में अभूतपूर्व वृद्धि है।'