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Hindi News विदेश अमेरिका ट्रंप ने लगाया चीन पर मुद्रा मूल्य बदलाव, सैन्य शक्ति बढ़ाने का आरोप

ट्रंप ने लगाया चीन पर मुद्रा मूल्य बदलाव, सैन्य शक्ति बढ़ाने का आरोप

वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर चीन पर मुद्रा के मूल्य में बदलाव करने और दक्षिण चीन सागर में सैन्य शक्ति बढ़ाने का आरोप लगाया। (विदेश की खबरों के लिए पढ़ें)

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वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर चीन पर मुद्रा के मूल्य में बदलाव करने और दक्षिण चीन सागर में सैन्य शक्ति बढ़ाने का आरोप लगाया। (विदेश की खबरों के लिए पढ़ें)

ट्रंप ने ट्वीट किया, क्या चीन ने हमसे पूछा था कि मुद्रा का अवमूल्यन करना (हमारी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा में बने रहना मुश्किल बनाना), उनके देश में निर्यात होने वाले हमारे उत्पादों पर भारी शुल्क लगाना या दक्षिण चीन सागर के मध्य में एक बड़े सैन्य परिसर का निर्माण करना सही होगा? मुझे नहीं लगता कि यह सही हैा।

यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ट्रंप की ताइवान के नेता के साथ फोन पर हुई बातचीत के बाद उभरे विवाद के बीच कल रात को किये गये इस ट्वीट के पीछे का क्या कारण है। ताइवान एक स्वशासित द्वीप है और बीजिंग इसे अपने भूभाग का हिस्सा मानता है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए ट्रम्प ने ताइवान के नेता को फोन किया। यह कदम देश की बागडोर संभालने जा रहे राष्ट्रपति का जानबूझकर उकसाने वाला कदम है जो कि अतीत से बिल्कुल अलग है। राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान चीन ट्रम्प को आए दिन निशाना बनाता रहा है। अब ट्रम्प अगले माह शपथ लेंगे और ऐसे में आसार हैं कि ट्रम्प का बीजिंग के प्रति रूख आक्रामक रहेगा।

चीन स्व-शासित ताइवान को अपना अलग हुआ प्रांत मानता है। चीन ने ट्रम्प की ताइवान के राष्ट्रपति से फोन पर हुई बातचीत को लेकर अमेरिका के समक्ष राजनयिक विरोध जताया है। अमेरिकी राजनीतिग्य अक्सर चीन पर आरोप लगाते हैं कि वह अपना निर्यात बढ़ाने के लिए अपनी मुद्रा का जानबूझकर अवमूल्यन करता है। ट्रम्प ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में सैन्य विस्तार करने का आरोप लगाया है।

चीन संसाधन बहुल दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर अपना दावा करता है। वियतनाम, फिलिपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपने अपने दावे करते हैं। जुलाई में द हेग स्थित एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर चीन के भूभागीय दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसके दावे का समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र के तहत कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

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