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भारत के बाद अमेरिका में भी बैन हुए TikTok और WeChat, डोनाल्ड ट्रंप ने किया ऐलान

भारत के बाद अब अमेरिका ने भी चीन की कंपनी के मालिकाना हक वाले वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म TikTok और मैसेजिंग ऐप WeChat को बैन कर दिया है।

Trump Tiktok Ban, Donald Trump tiktok, tiktok latest news, tiktok banned news- India TV Hindi Image Source : AP REPRESENTATIONAL भारत के बाद अब अमेरिका ने भी चीन की कंपनी के मालिकाना हक वाले वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म TikTok और मैसेजिंग ऐप WeChat को बैन कर दिया है।

वॉशिंगटन: भारत के बाद अब अमेरिका ने भी चीन की कंपनी के मालिकाना हक वाले वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म TikTok और मैसेजिंग ऐप WeChat को बैन कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार से इन दोनों ही ऐप्स पर बैन लगाने की घोषणा की है। रविवार से अमेरिका में TikTok और WeChat को डाउनलोड नहीं किया जा सकेगा। बता दें कि अमेरिका में टिकटॉक के करीब 100 मिलियन यानी 10 करोड़ यूजर्स हैं जिनसे कंपनी को काफी रेवेन्यू हासिल होता है। इससे पहले TikTok और WeChat समेत दर्जनों चीनी ऐप्स को भारत में बैन किया जा चुका है।

ट्रंप ने कहा था, मैंने वालमार्ट और ओरेकल से बातचीत की है
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने चीन के ऐप टिकटॉक के बारे में फैसला करने के लिए वालमार्ट और ओरेकल के दल के साथ बातचीत की है। पिछले महीने ट्रंप ने टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत यदि दोनों चीनी कंपनियां अपना स्वामित्व किसी अमेरिकी कंपनी को देकर प्रतिबंध से बच सकती हैं। इस समय TikTok का स्वामित्व बीजिंग स्थित ByteDance के पास है। शुरुआत में टिकटॉक के साथ बातचीत में माइक्रोसॉफ्ट शामिल था, हालांकि अब ओरेकल और वॉलमार्ट ने इस संबंध में बाइटडांस के साथ बातचीत कर रहे हैं।

'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव में आ सकती है जनता'
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा था, ‘हम एक फैसला कर रहे हैं। हमने आज Walmart, Oracle से बात की, मुझे लगता है कि माइक्रोसॉफ्ट अभी भी शामिल है। हम निर्णय लेंगे। लेकिन बहुत कुछ नहीं बदला है। हम जल्द ही निर्णय लेंगे।’ इस बीच अमेरिकी सांसद टेड क्रूज, जो संसद की विदेश संबंध और न्यायपालिका से जुड़ी समितियों के एक सदस्य भी हैं, ने वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन को पत्र लिखकर चिंता जताई है कि ओरेकल-टिकटॉक सौदे से अमेरिकी जनता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव में आ सकती है और ये अमेरिका की सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज करता है।

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