अलेक्जेंड्रिया: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के अभियान के प्रमुख रहे पॉल मैनफोर्ट को गुरुवार को अदालत ने कैद की सजा सुनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैनफोर्ट को यह सजा टैक्स अपराधों और बैंक धोखाधड़ी मामले में मिली है। अदालत के इस फैसले के बाद अब मैनफोर्ट को 47 महीने कैद में बिताने होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि मैनफोर्ट को इससे भी कड़ी सजा सुनाई जा सकती थी।
आपको बता दें कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रुस के हस्तक्षेप मामले में विशेष वकील रॉबर्ट मुलर की जांच में राष्ट्रपति के एक सहयोगी को दी गई सबसे कठोर सजा है। हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि 69 वर्षीय राजनीतिक सलाहकार मैनफोर्ट को बहुत ज्यादा सजा सुनाई जाएगी। कड़ी सजा के लिए मुलर के आह्वान पर फटकार लगाते हुए जज ने 19 से 24 साल की जेल की सजा के लिए आधिकारिक दिशानिर्देशों को ‘अत्यधिक’ बताया।
हालांकि मैनफोर्ट की मुश्किलें अभी और भी बढ़ सकती हैं क्योंकि उनके ऊपर अगले सप्ताह एक और मामले में सुनवाई की जाएगी जिसमें उन्हें अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है। इस मामले में जज की अभियोजन पक्ष के प्रति सहानुभूति भी स्पष्ट है।
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