पाम बीच: यात्रा प्रतिबंधों पर लगाई गई रोक के लिए लगातार दूसरे दिन संघीय अदालतों पर बरसते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि न्यायपालिका अमेरिकियों को खतरे में डाल सकती है। ट्विटर से लगभग एक दिन तक दूर रहने के बाद ट्रंप ने कल ट्वीट किया, यकीन नहीं आता कि कोई जज हमारे देश को ऐसे खतरे में डाल देगा। यदि कुछ होता है तो उसका दोष उस पर और न्याय व्यवस्था पर डाला जाए। लोग भीतर आते जा रहे हैं। यह बेहद बुरा है।
ट्रंप ने लिखा, मैंने गृह सुरक्षा को निर्देश दिया था कि वह हमारे देश में आने वाले लोगों की जांच बेहद सावधानी के साथ करे। अदालतें इस काम को बहुत मुश्किल बना रही हैं। इस पूरे प्रकरण की शुरूआत 27 जनवरी को हुई, जब ट्रंप ने सभी शरणार्थियों पर और ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया। इससे दुनियाभर में रोष पैदा हो गया और अमेरिका के विभिन्न शहरों एवं हवाईअड्डों पर विरोध प्रदर्शन हुआ।
सीएटल में शुक्रवार को एक संघीय जज जेम्स रॉबर्ट ने व्यापक कानूनी समीक्षा लंबित होने के चलते देशव्यापी प्रतिबंध पर रोक लगा दी। ट्रंप ने शनिवार को गुस्से में इस मुद्दे पर कई ट्वीट किए और कहा कि तथाकथित जज बेहद बचकाना है। ट्रंप के इन ट्वीटों की डेमोक्रेट सदस्यों और अन्य लोगों ने कड़ी आलोचना की। उनका कहना था कि राष्ट्रपति सरकार की न्यायिक शाखा में खतरनाक तरीके से दखलंदाजी कर रहे हैं। अमेरिकी अपीली अदालत ने कल सरकार के उस आपात अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप के विवादित प्रतिबंध को बहाल करने के लिए कहा गया था।
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