वाशिंगटन: कांग्रेस के एक अहम खुफिया पैनल के प्रमुख ने एक महत्वपूर्ण खुलासा करते हुये कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सत्ता हस्तांतरण टीम की शायद अनजाने में निगरानी की थी। इस खुलासे से ट्रंप के उस दावे को बल मिल सकता है कि उनके फोन टैप कराये गये थे। रिपब्लिकन सांसद एवं सदन की खुफिया समिति के अध्यक्ष डेविन नुनेस ने आनन फानन में बुलाये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खुफिया अधिकारियों ने गत वर्ष ट्रंप की बातचीत को संयोग से रिकॉर्ड किया था। ट्रंप ने कुछ सप्ताह पहले बिना सबूत दिये आरोप लगाया था कि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा के आदेश पर आठ नवंबर के चुनाव से पहले न्यूयॉर्क में उनके ट्रंप टावर में फोन टैप किये गये थे। इस खुलासे से उनके इस दावे को मजबूती मिल सकती है। ये भी पढ़ें
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ओबामा के एक सहायक ने इन आरोपों को खारिज करते हुये कहा था कि कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी तरफ से ऐसे आदेश जारी नहीं कर सकता। नुनेस ने कल कहा, मुझे हाल ही में इस बात की पुष्टि हुई कि कई अवसरों पर खुफिया समुदाय ने ट्रंप की सत्ता हस्तांतरण टीम में शामिल रहे अमेरिकी लोगों के बारे में संयोग से सूचना एकत्र की। बहरहाल, नुनेस ने यह स्पष्ट किया कि एक सूत्र से मिली सूचना पर आधारित निगरानी का रूस से कोई संबंध नहीं है। नुनेस ने कहा, मैंने खुफिया रिपोर्टें देखी हैं जो स्पष्ट तौर पर यह दिखाती हैं कि निर्वाचित राष्ट्रपति और उनकी टीम की निगरानी तो कम से कम की गयी थी। मुझे ऐसा लगता है कि कानूनी रूप से जानकारियां एकत्रित की गयी थी लेकिन निर्वाचित राष्ट्रपति और उनकी सत्ता हस्तांतरण टीम के बारे में और वे क्या कर रहे है, इसे लेकर कई सारी सूचनाएं इकट्ठी की गई थी।
बाद में नुनेस ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप को इसकी जानकारी दी। ट्रंप ने कहा कि वह सही साबित हुये। उन्होंने कहा, मैं यह बताना चाहता हूं कि उन्होंने कुछ हद तक मेरी बात को साबित किया है, उन्होंने जो कुछ भी पता लगाया है, मैं उसकी सराहना करता हूं। इस खुलासे के तुरंत बाद डेमोक्रेट पार्टी के सदस्यों ने इसका विरोध किया। डेमोक्रेटिक सांसद एडम शिफ ने कहा कि नुनेस के कार्यों से एक स्वतंत्र जांच करने के लिए उनकी क्षमताओं पर सवाल खड़े होते हैं।
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