न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस ने अबतक कई रूप बदले हैं। सभी रूपों में सबसे अधिक खतरनाक डेल्टा वैरिएंट है क्योंकि यह अत्यधिक संक्रामक होने के साथ ही अधिक खतरनाक भी है जो वायरस के अन्य सभी ज्ञात वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और चेचक की तरह आसानी से फैल सकता है। अमेरिकी स्वास्थ्य प्राधिकार के एक आंतरिक दस्तावेज का हवाला देते हुए मीडिया की खबरों में ऐसा कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के दस्तावेज में अप्रकाशित आंकड़ों के आधार पर दिखाया गया है कि वैक्सीन की सभी खुराकें ले चुके लोग भी बिना वैक्सीनेशन वाले लोगों जितना ही डेल्टा वेरिएंट को फैला सकते हैं।
सबसे पहले भारत में डेल्टा स्वरूप की पहचान की गयी थी। सबसे पहले द वाशिंगटन पोस्ट ने इस दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की। सीडीसी की निदेशक डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने मंगलवार को माना कि वैक्सीन ले चुके लोगों की नाक और गले में वायरस की मौजूदगी उसी तरह रहती है जैसे कि वैक्सीन नहीं लेने वालों में।
आंतरिक दस्तावेज में वायरस के इस वेरिएंट के कुछ और गंभीर लक्षणों की ओर इशारा किया गया है। दस्तावेज के अनुसार, डेल्टा वेरिएंट, ऐसे वायरस की तुलना में अधिक फैलता है जो मर्स, सार्स, इबोला, सामान्य सर्दी, मौसमी फ्लू और बड़ी माता का कारण बनता है, और यह चेचक की तरह ही संक्रामक है।
दस्तावेज की एक प्रति न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी हासिल की है। दस्तावेज के मुताबिक बी.1.617.2 यानी डेल्टा वेरिएंट और गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक संघीय अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि दस्तावेज के निष्कर्ष ने डेल्टा वेरिएंट को लेकर सीडीसी के वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सीडीसी डेल्टा वेरिएंट को लेकर आंकड़ों से बहुत चिंतित है। यह वेरिएंट गंभीर खतरे का कारण बन सकता है, जिसके लिए अभी कदम उठाने की आवश्यकता है।’’ सीडीसी द्वारा 24 जुलाई तक एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 16.2 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है और हर सप्ताह लक्षण वाले करीब 35,000 मामले आ रहे हैं लेकिन एजेंसी मामूली या बिना लक्षण वाले मामलों की निगरानी नहीं करती है, इसलिए वास्तविक मामले अधिक हो सकते हैं।
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