वाशिंगटन: फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग डाटा लीक मामले और 2016 चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के मामले में अमेरिकी संसद के समक्ष पेश होकर माफी मांगेंगे। जकरबर्ग सांसदों के समक्ष आज और कल पेश होंगे और उनकी कंपनी में जनता का भरोसा फिर से बहाल करने की कोशिश करेंगे और उन संघीय नियामकों को टालने की कोशिश करेंगे जो कुछ सांसदों ने सुझाए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनके प्रचार अभियान से जुड़ी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर गोपनीय रूप से 8.7 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी जुटाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद जकरबर्ग की कंपनी विवादों के घेरे में है। (इजरायल ने कहा, सीरिया का रासायनिक हमला ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ )
सदन की ऊर्जा और वाणिज्य समिति के समक्ष दी गई उनकी गवाही जारी की गई है जो कल पेश की जाएगी। इसमें जकरबर्ग ने 2016 में चुनावों के दौरान अपने प्लेटफॉर्म से फर्जी खबरों, नफरत फैलाने वाले बयानों, डाटा की निजता की कमी और विदेशी हस्तक्षेप को लेकर माफी मांगी है। प्रतिनिधि सभा के एक पैनल द्वारा जारी लिखित गवाही में जकरबर्ग ने डाटा को सुरक्षित रखने और हेरफेर रोकने में सोशल नेटवर्क के नाकामयाब रहने की जिम्मेदारी ली है।
उन्होंने कहा , ‘‘ हमें यह अंदाजा नहीं हो सका कि हमारी जिम्मेदारियां कितनी बड़ी है और यह एक बड़ी गलती है। यह मेरी गलती है और मुझे माफ कर दें। ’’ जकरबर्ग ने कहा , ‘‘ मैंने फेसबुक शुरू किया , मैं उसे चलाता हूं और जो भी हुआ उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। ’’
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