बोस्टन (अमेरिका): आईबीएम के सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि विकासशील देशों को कोविड-19 के टीके के वितरण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की योजना से जुड़ी अहम जानकारी चुराने के मंसूबे से की गई एक साइबर सेंधमारी की कोशिश का उन्होंने पता लगाया है। साइबर सेंधमारी की इस कोशिश के तहत लक्षित फर्जी ईमेल भेजे गये थे।
आईबीएम सुरक्षा विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वे इस बारे में आश्वस्त नहीं हैं कि इसके पीछे किसका हाथ था, जो सितंबर में शुरू हुआ, या क्या यह सफल रहा। आईबीएम ने कहा कि इस साइबर सेंधमारी की कोशिश के तहत जर्मनी, इटली, दक्षिण कोरिया और ताईवान जैसे देशों में (टीका) अभियान को निशाना बनाया गया, जिनके लिए ‘कोल्ड चेन’ का विकास करने से संबद्ध होने की संभावना है।
आईबीएम टीम के वैश्विक जोखिम खुफिया प्रमुख निक रोसमान ने कहा कि जिस किसी का भी इसके पीछे हाथ रहा होगा उसने समूची रेफ्रीजेरेशन (शीतलन) प्रकिया की नकल करने के उद्देश्य से ऐसा किया होगा। साइबर सेंधमारी का पता लगाने में शामिल रहे आईबीएम के विशेषज्ञ क्लेयर जाबीवा ने भी इस बारे में जानकारी दी।
क्लेयर जाबीवा ने कहा कि गावी वैक्सीन अलायंस, विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों द्वारा बनाई गई कोवैक्स नाम की पहल से संबद्ध समूहों के अधिकारियों को फर्जी ईमेल भेजे गये थे , जो चीनी कंपनी हेयर बायोमेडिकल के एक अधिकारी द्वारा भेजे गये जान पड़ते हैं। यह चीनी कंपनी ‘कोल्ड चेन’ की विश्व की मुख्य आपूर्तिकर्ता है।
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