वाशिगंटन: रक्षा मंत्री जिम मैटिस का कहना है कि उत्तर कोरिया मुद्दे पर अमेरिका का साथ देने के बावजूद चीन, भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की स्थिति को कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। दक्षिण एशिया पर संसदीय सुनवाई के दौरान मैटिस ने सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से आज कहा, चीन का सारा ध्यान हमारे शक्ति प्रदर्शन को सीमित करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में हमारी स्थिति को कमजोर करने पर है, जबकि वह उत्तर कोरिया के उकसावे वाली कार्रवाईयों का सामना करने में हमारे साथ मिलकर काम कर रहा है। (ट्रंप के साथ मतभेद की खबरों को टिलरसन ने किया खारिज, नहीं देंगे इस्तीफा)
उसी समिति के सामने जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने कहा कि चीन, अफगानिस्तान में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकता है। चीन और अफगानिस्तान एक छोटी सी सीमा साझा करते हैं। उन्होंने कहा, कुछ क्षेत्र हैं जहां वह साथ देते हैं। उन्होंने कहा कि आंतकवाद का मुकाबला भी ऐसा ही एक क्षेत्र है खासकर अफगानिस्तान में। उन्होंने चीनी मध्यस्थों के बारे में कहा कि वह ज्यादा उपयोगी भूमिका निभा सकते हैं खासकर विकास के क्षेत्र में और सीमा पर आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रयासों में। इसी बीच विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में उप रक्षा मंत्री जॉन सुलिवन ने अमेरिका-चीन कानून प्रवर्तन और साइबर सुरक्षा विषय पर बातचीत की शुरुआत की।
अटॉर्नी जनरल जेफ सेशन्स और गृह सुरक्षा के कार्यवाहक मंत्री ऐलेन ड्यूक ने चीन के स्टेट काउंसलर और जन सुरक्षा मंत्री गुओ शेंगकुन के साथ संवाद की सह-अध्यक्षता की। यह बातचीत अप्रैल में मार-ए-लागो में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग ने शुरू की थी। यह चार संवादों में से अंतिम है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नोर्ट ने संवाददाताओं को बताया कि इसका लक्ष्य दो देशों के बीच परस्पर समझा को बढ़ाना है।
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