वॉशिंगटन: पेंटागन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने दावे को लेकर दवाब बनाने के लिए 'लगातार रणनीतिक कार्रवाई’ कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने से रोकने की भी असफल कोशिश की है। रक्षा विभाग ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस को बताया, 'PRC (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) नहीं चाहता कि सीमा विवाद के चलते भारत और अमेरिका और निकट आएं। PRC अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ PRC के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है।’
पेंटागन ने कहा कि मई 2020 की शुरुआत में चीनी सेना ने सीमा पार से भारतीय नियंत्रित क्षेत्र में घुसपैठ शुरू की और एलएसी पर गतिरोध वाले कई स्थानों पर सैनिकों को तैनात किया। जून 2021 तक, चीन और भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखी थी। इसके अलावा, तिब्बत और शिनजियांग सैन्य जिलों से एक पर्याप्त रिजर्व बल पश्चिमी चीन के अंदरुनी हिस्सों में तैनात किया गया था ताकि त्वरित प्रतिक्रिया के लिये तैयार रहा जा सके। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे।
1975 के बाद LAC पर झड़प में जान जाने का यह पहला मामला था। पेंटागन ने कहा कि फरवरी 2021 में, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 4 सैनिकों के लिए मरणोपरांत पुरस्कार की घोषणा की थी, हालांकि चीनी हताहतों की कुल संख्या अभी भी पता नहीं चल पाई है। पेंटागन ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रही राजनयिक और सैन्य वार्ता के बावजूद, चीन ने LAC पर अपने दावों को लेकर दबाव बनाने के लिए ‘रणनीतिक कार्रवाईयों को बढ़ाना’ जारी रखा है।
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