वॉशिंगटन: चीन ने अमेरिका के इस आरोप का खंडन किया कि चीन ने पूर्वी चीन सागर में परमाणु विकिरणों का पता लगाने वाले अमेरिका के खोजी निगरानी विमान को गैर पेशेवर तरीके से बीच में रोका था। चीन ने वॉशिंगटन से इस तरह की गतिविधि रोकने की अपील की थी।
प्रशांत वायुसेना की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल लोरी होज ने एक बयान में कहा कि चीन के 2 SU-30 विमान ने बुधवार को डब्ल्यूसी 135 कॉन्स्टेंट फीनिक्स विमान को रोका था। यह विमान बोइंस C-135 का संशोधित रूप है और वह अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाईक्षेत्र में नियमित मिशन पर था। होज ने दोनों विमानों को रोकने के इस तरीके को गैर-पेशेवर बताया है। उन्होंने आगे जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला चीन के समक्ष उचित राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए उठाया जाएगा। होज ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर चीन के साथ निजी रूप से बात करेंगे।’
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वु कियान ने कहा है कि अमेरिकी विमान पूर्वी चीन सागर के उत्तरी हिस्से-पीले सागर में निगरानी कर रहा था और कानून एवं नियमों के मुताबिक चीनी विमान इसकी पहचान और सत्यापन के लिए गए थे। कियान ने कहा कि अभियान पेशेवर और सुरक्षित था। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच समुद्री और हवाई सुरक्षा संबंधी सैन्य सुरक्षा समस्याओं की मुख्य वजह अमेरिकी विमान एवं पोत हैं और उसने अमेरिका से इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने की अपील की।
चीन ने पूर्वी चीन सागर के बड़े हिस्से को साल 2013 में हवाई सुरक्षा पहचान जोन घोषित कर दिया था। चीन के इस कदम को अमेरिका ने अवैध करार दिया था और इसे मान्यता देने से मना कर दिया था।
Latest World News