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Hindi News विदेश अमेरिका मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की भारत की कोशिशों में रोड़ा अटका रहे चीन ने दिए ये तर्क

मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की भारत की कोशिशों में रोड़ा अटका रहे चीन ने दिए ये तर्क

चीन ने दलील दी है कि इस मुद्दे पर ‘सीधे तौर से जुड़े’ भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच ‘आम राय’ नहीं है।

China defends blocking India's bid to list Masood Azhar as a global terrorist | AP- India TV Hindi China defends blocking India's bid to list Masood Azhar as a global terrorist | AP

वॉशिंगटन: चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों की राह में लगातार रोड़ा अटकाए जाने का बचाव किया है। चीन ने दलील दी है कि इस मुद्दे पर ‘सीधे तौर से जुड़े’ भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच ‘आम राय’ नहीं है। अजहर साल 2016 में कश्मीर के उरी सैन्य अड्डे पर हमले समेत भारत में कई आतंकवादी हमलों का आरोपी है। उरी हमले में 17 जवान मारे गए थे।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाला स्थाई सदस्य चीन सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों को लगातार अवरुद्ध कर रहा है। भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन हासिल है। जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना अजहर ने की थी और इस संगठन को पहले ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में रखा गया है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में शुक्रवार को कहा, ‘अगर सभी पक्ष आम सहमति पर पहुंच जाते हैं तो हम इसका समर्थन करेंगे लेकिन जो भी पक्ष इससे सीधे संबंधित हैं वे आम राय पर नहीं पहुंच पा रहे जैसे भारत और पाकिस्तान की आम राय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अगर प्रत्यक्ष रूप से संबंधित पक्ष आम राय बनाने में सक्षम है तो ‘हम एक साथ मिलकर यह प्रक्रिया आगे बढ़ा पाएंगे।’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम सोचते हैं कि यह आगे बढ़ने का बेहतर तरीका है और हम इस मुद्दे पर भारत के साथ करीबी संपर्क बनाए रखेंगे क्योंकि हमारे उनसे अच्छे संबंध भी हैं। हमें जल्द ही आम सहमति पर पहुंचने की उम्मीद है और हम एक साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे सकते हैं।’ चीन और पाकिस्तान को सदाबहार सहयोगी माना जाता है। अभी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें वार्षिक सत्र में भाग लेने न्यूयॉर्क गए हुए वांग ने दलील दी कि आतंकवादी घोषित करना सबूत पर आधारित होना चाहिए और उन्होंने दावा किया कि मसूद के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘चाहे ये लोग आतंकवादी हैं या नहीं, लेकिन ठोस तथ्य तथा सबूत होने चाहिए। अगर ठोस सबूत है तो कोई इसे झुठला नहीं सकता। मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान ऐसा करेगा। चीन आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ है। हम आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान के प्रयासों में उसका समर्थन करते हैं। वर्षों पहले अमेरिका के अनुरोध पर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अल-कायदा के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया था। उसने इसके लिए भारी कीमत चुकाई और बड़ा योगदान दिया। हमें लगता है कि पाकिस्तान ने जो किया उस पर निष्पक्ष फैसला होना चाहिए।’

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