वाशिंगटन: कोविड-19 को लेकर चीन पर पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन चाहता तो संक्रमण को दुनिया में फैलने से रोक सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया । कोविड-19 महामारी से निपटने में चीन के रवैये पर ट्रंप पहले भी निराशा जता चुके हैं । मई में उन्होंने दावा किया था कि यह चीन की ‘अक्षमता’ है जिसकी वजह से दुनिया में इतने लोगों की जान जा रही है ।
चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद से दुनिया भर में छह लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में संक्रमण से 1,43,000 लोगों की मौत हुई है । अमेरिका में 40 लाख लोगों समेत दुनिया में 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं ।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ट्रंप ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह चीन से शुरू हुआ। इसे फैलने नहीं देना चाहिए था। वे इसे रोक सकते थे। वे आसानी से इसे रोक सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया ।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘हमें आगे इस पर रिपोर्ट मिली। लेकिन यह चीन से ही आया। चीन चाहता तो इसे रोक सकता था, लेकिन बाकी दुनिया में फैलने से पहले इसे नहीं रोका गया। उसने यूरोप, अमेरिका जाने पर रोक नहीं लगाया। ’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उन्हें इसे रोकना चाहिए था। उन्होंने पारदर्शिता नहीं दिखायी । उन्होंने ठीक इसके विपरीत रूख अपनाए रखा। यह ठीक नहीं है। ’’ ट्रंप ने महामारी की स्थिति पर सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी से बात की । उन्होंने कहा, ‘‘हम सब एक साथ हैं। पिछले कुछ दिनों में दुनिया के कई नेताओं के साथ मैंने बात की है। यह ऐसी महामारी है जो हर जगह फैल रही है। कुछ देशों को लगा कि वे अच्छी स्थिति में हैं और अचानक से मामले बढ़ गए।’’
ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस एक वैश्विक समस्या है और अमेरिका वेंटिलेटर देकर दूसरे देशों की मदद कर रहा है । ट्रंप ने कहा, ‘‘हम कई देशों की मदद कर रहे हैं । उनके पास वेंटिलेटर नहीं है और हमने कई देशों को हजारों वेंटिलेटर भेजे हैं। यह एक वैश्विक समस्या है, लेकिन मैं चाहता हूं कि लोग समझें कि चीन के कारण यह वैश्विक समस्या शुरू हुई।’’
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