शिकागो: अमेरिका के न्याय विभाग ने कहा है कि शिकागो पुलिस वर्षों तक नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करती रही। इसने लोगों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग किए जाने को लेकर देश के तीसरे सबसे बड़े विभाग की निन्दा की। शिकागो पुलिस पर आरोप हैं कि उसने ऐसे लोगों पर गोली चलाई जो खतरा नहीं थे तथा निर्देश नहीं मानने के नाम पर उसने दूसरों पर बंदूक तान दी।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
न्याय विभाग ने वर्ष 2014 में एक श्वेत अधिकारी द्वारा एक अश्वेत किशोर को 16 गोलियां मारकर मौत के घाट उतार देने की घटना की एक साल तक चली जांच के बाद रिपोर्ट जारी की है। संघीय जांच में कानून प्रवर्तन के तरीकों का व्यापक निरीक्षण किया गया और इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि अधिकारी पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं थे तथा जो कदाचार के आरोपी थे, उनके खिलाफ मुश्किल से ही जांच की गई। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब एक सप्ताह बाद, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को सत्ता संभालनी है।
निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में सरकार ने क्लीवलैंड, बाल्टीमोर और सिएटल सहित पुलिस विभागों के खिलाफ 25 नागरिक अधिकार जांचें कराईं। संघीय समीक्षा प्रक्रिया पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप की स्थिति अस्पष्ट है। न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग की प्रमुख वनीता गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि शिकागो पुलिस के अधिकारियों ने नागरिकों के जीवन को खतरे में टाला, उन्हें नुकसान पहुंचाया, उनकी मौत हुई और जन सुरक्षा के अहम बिन्दु रहे सामुदायिक विश्वास को तोड़ा।
Latest World News